सामाजिक सरोकार : दादाजी के निधन पर श्रद्धांजलि स्वरूप पौत्र ने किया रक्तदान
⚫ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ श्री गोपाल राव कोठारी के निधन पर हुई श्रद्धांजलि सभा में मिली प्रेरणा
⚫ पत्रकार तुषार कोठारी के बेटे चिंतन कोठारी ने किया दुर्लभ रक्त समूह ओ नेगेटिव का रक्तदान
⚫ तब बन जाते हैं जागरूक रक्तदाता : काकानी
हरमुद्दा
रतलाम, 23 अगस्त। दादाजी के निधन के पश्चात हुई शोक सभा के बाद पौत्र ने श्रद्धांजलि स्वरूप दुर्लभ रक्त समूह ओ नेगेटिव का रक्तदान करते हुए सामाजिक सरोकार का परिचय दिया। श्रद्धांजलि सभा में समाजसेवी गोविंद काकानी ने रक्तदान के लिए प्रेरित किया था।
पूर्व ब्लड बैंक प्रभारी समाजसेवी गोविंद काकानी ने हरमुद्दा को बताया कि स्वर्गीय गोपाल राव कोठारी के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उनके पौत्र चिंतन कोठारी से रक्तदान विषय पर चर्चा हुई और उन्होंने तत्काल पूज्य दादाजी श्री कोठारी की स्मृति में उनके द्वारा दिए गए संस्कारों को आगे बढ़ाते हुए रक्तदान करने का निर्णय लिया।
दुर्लभ रक्त समूह ओ नेगेटिव का हुआ रक्तदान
श्री काकानी में बताया कि श्रद्धांजलि सभा के दूसरे दिन मुझे सूचना कर मानव सेवा समिति रक्त कोष पर परिवार बुआ के लड़के भाई मलय सोनटक्के के साथ पहुंचे। पहली बार दुर्लभ रक्त समूह ओ नेगेटिव का रक्त दान किया। जिसकी आवश्यकता इस दिन रक्त कोष पर थी। चिंतन कोठारी ने अपने पहली बार रक्तदान के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि मन में पूर्व में डर था। कितना समय लगेगा। कमजोरी तो नहीं आएगी आदि सभी शंकाएं रक्तदान करने के पश्चात दूर हो गई।
बन जाते है जागरूक रक्तदाता : काकानी
रक्तदान के पश्चात श्री काकानी ने कहा कि अनुभवी रक्त मित्र का थोड़ा सा समय और मोटिवेशन नए रक्तदाताओं के लिए उत्सवर्धन हो जाता है। ऐसा करने से भविष्य का एक जागरूक रक्तदाता बन जाता है। युवाओं से आह्वान करता हूं कि वह भी 18 वर्ष पूर्ण होते ही रक्तदान के महायज्ञ में अपना योगदान दे। यह बहुत पुनीत कार्य है। इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ जाता है।
किया सम्मान
मानव सेवा समिति की ओर से काकानी ने उन्हें स्मृति चिह्न एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। परिवार सदस्य दादी श्रीमती शोभा कोठारी, माता श्रीमती वैदेही कोठारी, पिता तुषार कोठारी, ताऊ नारायण कोठारी एवं बुआ प्रतिमा सोनटाक्के ने रक्तदान के पुनीत कार्य से जोड़ने पर मानव सेवा समिति को धन्यवाद अर्पित किया।