उपलब्धि सरोकार : रतलाम की कथाकार जयपुर में हुई सम्मानित
⚫ स्पंदन महिला साहित्यिक एवं शैक्षणिक संस्थान और “साहित्य समर्था” त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका के बैनर तले आयोजन
⚫ देशभर के 80 से अधिक साहित्यकारों का हुआ सम्मान
⚫ कहानी “धनवा” के लिए इंदु सिंहा “इंदु” को किया कहानीकारों ने सम्मानित
⚫ इस उपलब्धि पर प्रोफेसर अजहर हाशमी ने भी किया सम्मान
हरमुद्दा
रतलाम 7 सितंबर। स्पंदन महिला साहित्यिक एवं शैक्षणिक संस्थान और ” साहित्य समर्था” साहित्यिक पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में स्पंदन सम्मान एवं साहित्य समर्था अखिल भारतीय डॉ. कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता एवं शिक्षाविद पृथ्वीनाथ भान साहित्य सम्मान, उपन्यास विधा के साहित्यकारों के अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया। देश भर के 80 साहित्यकारों का सम्मान किया गया जिसमें रतलाम शहर की कथाकार इंदु सिंहा भी शामिल है
स्पंदन महिला साहित्यिक एवं शैक्षणिक संस्थान और ” साहित्य समर्था” साहित्यिक पत्रिका की नीलिमा टिक्कू ने बताया कि साहित्य सरोकार के तहत हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य नए रचनाकारों को प्रेरित उन्हें साहित्य सेवा के लिए बढ़ावा दिया जाता है। देश भर के साहित्यकारों का सम्मान किया जाता है। अखिल भारतीय डॉ. कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। चयनित साहित्यकारों के सम्मान समारोह का अयोजन जयपुर में किया गया। प्रतिवर्ष सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है। इस बार लगभग 80 साहित्यकारों का सम्मान हुआ है।
अतिथियों ने किया नीलिमा टिक्कू के उपन्यास “फ़ैसले”का विमोचन
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दिल्ली की वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया , प्रो. लाड़ कुमारी जैन, नन्द भारद्वाज, प्रो. सुदेश बत्रा, प्रो. नरेंद्र शर्मा कुसुम, प्रो. प्रबोध कुमार गोविल, राजेन्द्र मोहन शर्मा थे। अतिथियों ने दी प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मंचस्थ अतिथियों द्वारा नीलिमा टिक्कू के उपन्यास “फ़ैसले” का विमोचन भी किया गया।
कहानी “धनवा” के लिए सम्मानित हुई श्रीमती सिंहा
साहित्यकारों के सम्मान समारोह में रतलाम की कथाकार इंदू सिंहा “इंदु” का सम्मान किया गया। कथाकार सिन्हा को कहानी “धनवा” के लिए प्रसिद्ध कहानीकार ममता कालिया और उर्मिला शिरीष द्वारा सम्मान राशि और स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया।
प्रोफेसर हाशमी ने किया कथाकार सिंहा का सम्मान
नगर की कथाकार श्रीमती सिंहा की इस गरिमापूर्ण उपलब्धि पर देश के प्रख्यात चिंतक, साहित्यकार प्रो. अज़हर हाशमी द्वारा सिन्हा का सम्मान किया गया। प्रोफेसर हाशमी ने बुके, “मुक्तक शतक” पुस्तक और स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया।
मुक्तक शतक की पंक्तियां सुनते हुए प्रोफेसर हाशमी ने कहा “इरादा नेक रखकर कोशिश करना, निराशा की डगर लंबी नहीं होती, सुबह का सूर्य यह संदेश देता है, अंधेरे की उमर लंबी नहीं होती”। साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय रहने की प्रेरणा दी।