वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे पितृ पर्व : पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए पुण्य स्मरण पखवाड़े की शुरुआत 17 से -

पितृ पर्व : पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए पुण्य स्मरण पखवाड़े की शुरुआत 17 से

⚫ 2 अक्टूबर को सर्व पित्र मोक्ष अमावस्या

⚫ नई वस्तुओं की नहीं होगी खरीदारी

हरमुद्दा
शनिवार, 16 सितंबर। पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पुण्य स्मरण का पखवाड़ा मंगलवार से शुरू हो रहा है। सनातन परंपरा के अनुसार लोग पूर्वजों को नियत तिथि पर श्राद्ध कर्म से स्मरण करेंगे। इन 16 दिनों में सभी अपने पितरों का उनकी निश्चित तिथि पर तर्पण, श्राद्ध करेंगे। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देकर प्रस्थान करते हैं। अमावस्या के दिन पितरों को विदाई दी जाती है।

ज्योतिषाचार्य पंडित दुर्गाशंकर ओझा

ज्योतिषाचार्य पंडित दुर्गाशंकर ओझा ने हरमुद्दा से चर्चा करते हुए बताया कि मुताबिक पूर्णिमा का श्राद्ध कर्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा शनिवार 17 सितंबर को होगा। जिस तिथि में पितर देव दिवंगत हुए होते है, उसी तिथि पर पितृपक्ष में तिथियों के अनुसार श्राद्ध कर्म एवं तर्पण किया जाना शास्त्र सम्मत है।

एक नजर किस तारीख को किस तिथि का श्राद्ध

⚫ 17 सितंबर को महालय आरंभ। पूर्णिमा का श्राद्ध। 11 बजे बाद

⚫ 18 सितंबर को पूर्णिमा एवं प्रतिपदा का श्राद्ध।

⚫ 19  सितंबर को द्वितीया का श्राद्ध।

⚫ 20 सितंबर को तृतीय का श्राद्ध।

⚫ 21  सितंबर को चतुर्थी का श्राद्ध।

⚫ 22  सितंबर को कुंवारा पंचमी का श्राद्ध।

⚫ 23  सितंबर को षष्ठी का श्राद्ध।

⚫ 24  सितंबर को  सप्तमी का श्राद्ध।

⚫ 25  सितंबर को अष्टमी का श्राद्ध।

⚫ 26  सितंबर को सौभाग्य नवमी का श्राद्ध।

⚫ 27 सितंबर दसवीं का श्राद्ध

⚫ 28 सितंबर को एकादशी श्राध्द।

⚫ 29 सितंबर को द्वादशी श्राद्ध।

⚫ 30  सितंबर को त्रयोदशी का श्राद्ध।

⚫ 1  अक्टूबर को चतुर्दशी का श्राध्द।

⚫ 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध होगा।

पितृ पक्ष का महत्व

आचार्य ओझा ने बताया कि पितृ पक्ष में पूर्वजों और पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस पक्ष में मृत्यु लोक से पितृ धरती लोक पर आते हैं। इसलिए पितृपक्ष के दौरान तर्पण और श्राद्ध करने से पितरों को खुश किया जा सकता है और आशीर्वाद पाया जा सकता है। वहीं पितृ पक्ष में तिथियों के अनुसार पितरों का श्राद्ध करना शुभ माना जाता है। पितृ दोष से मुक्ति और पितरों की शांति के लिए पितृपक्ष पर दान और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।

नहीं की जाती नई वस्तुओं की खरीदारी

सामान्यतया नई वस्तुओं की खरीदारी नहीं करेंगे। श्राद्ध पक्ष में ऐसा करना वर्जित माना गया है लेकिन कारपोरेट जगत में श्राद्ध पक्ष में खरीदारी को लेकर विशेष ऑफर शुरू कर दिए जाते  हैं ताकि उनका आधा महीना बिजनेस से प्रभावित ना हो।

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