सैलाब का संदेश : हिंदू समाज के सम्मान में, जनमानस मैदान में, पुलिस ने ऐसा जाल फैलाया, सच्ची घटना को झूठा बताया, आरोपियों को बदलने वालों, घटना बदलना बंद करो

संत समाज के नेतृत्व में हिंदू समाज ने निकाली विशाल रैली

हाथों में नारे लिखी तख्तियां और मुंह से निकल रहे थे जय जय सियाराम के नारे

हर उम्र के हजारों हजार हुए शामिल, महिला पुरुष, वकील, व्यापारी

मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौपा गया ज्ञापन

हरमुद्दा
रतलाम 11 सितंबर। बुधवार को श्री कालिका माता मंदिर परिसर का मैदान जन सैलाब  से खचाखच भरा था। महिला पुरुषों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था “हिंदू समाज के सम्मान में जनमानस मैदान में, आरोपियों को बदलने वालों घटना बदलना बंद करो, पुलिस ने ऐसा जाल फैलाया सच्ची घटना को झूठा बताया, सच्ची घटना झूठा प्रचार हिंदू समाज पर अत्याचार,” सैकड़ो हाथों में तख्तियां पुलिस प्रशासन की तानाशाही भरे रवैया को बयां कर रही थी वहीं हजारों लोग जय जय सियाराम के नारे लगाते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौपा गया। जिसमें दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई। जनसैलाब  ने संदेश दिया कि हिंदू समाज पुलिस की बर्बरता का खुलकर विरोध करेगा।

कलेक्टर कार्यालय के अंदर संत समाज

शनिवार की रात को  गणेश जी की प्रतिमा पर हुए पथराव के संबंध शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने वाला हिंदु समाज दोतरफा अत्याचार का शिकार हुआ।  एक ओर जहां पथराव के संबंध में FIR की मांग कर रहे हिंदुओं पर ही प्रशासन मुकदमा बना दिया वहीं दूसरी ओर निर्दोष नागरिकों पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज भी किया। लाठी चार्ज की कार्रवाई में एक 19 वर्षीय हिन्दू किशोर प्रकाश मईड़ा की जान भी चली गई। इतना ही नहीं पुलिस ने मामले को पूरी तरह से दबाने का प्रयास किया। परिवार पर दबाव बनाया गया। बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार करवा दिया गया।

जन समुदाय से खचाखच भरा हुआ था कलेक्ट्रेट

प्रशासन की इस नितांत अनुचित व बर्बर कार्रवाई  के प्रति हिंदू समाज की भावनाओं को व्यक्त करने एवं दिवंगत हिंदू भाई को न्याय दिलवाने की मांग को लेकर श्री कालिका माता मंदिर परिसर से हजारों हजार की संख्या में शामिल लोगों ने रैली निकाली। रैली में सैकड़ो हाथों में तख्तियां थीं जिन पर नारे लिखे हुए थे जो पुलिस प्रशासन की तानाशाही को बयां कर रहे थे। रैली में महिला पुरुष सहित सभी वर्ग के लोग शामिल थे। सभी के मन में पुलिस प्रशासन के प्रति गहरा आक्रोश था जो कि  सड़कों पर सैलाब के रूप में नजर आया। हजारों की संख्या में जन समुदाय से कलेक्ट्रेट खचाखच भरा हुआ था।

सभी वर्ग के लोग मौजूद

इस आक्रोश रैली में जनप्रतिनिधि,सामाजिक कार्यकर्ता, अभिभाषक, संत समाज समेत सभी वर्ग के लोगों ने रैली के रूप में कलेक्टोरेट पंहुचकर एसपी, एएसपी सहित सात पुलिस अधिकारियों व एक पटवारी की नामजद शिकायत और इन सभी के विरुद्ध जांच कर कडी कार्रवाई करने की मांग की है।

कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में एसएसपी राहूल लोढा, एएसपी राकेश खाखा, स्टेशन रोड टीआई दिनेश भोजक, सायबर सेल के एसआई अमित शर्मा, प्रधान आरक्षक अजय शर्मा, महेन्द्र पथरोड, आरक्षक मनीष यादव और शहर पटवारी तेजवीर चौधरी के नाम उल्लेखित किए गए है। ज्ञापन में कहा गया है कि उक्त सभी लोग और इनके अधीनस्थ कई अन्य पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों ने मारपीट कर अभद्र व्यवहार किया। यहां तक कि महिलाओं के साथ भी अभद्रता की गई।

किया ज्ञापन का वाचन

एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव और एसडीएम अनिल भाना ने रैली के नेताओं से भवन के भीतर बुलाकर चर्चा की और इसके बाद कलेक्टर राजेश बाथम अपने कक्ष से बाहर आए। आक्रोशित लोगों को शांत करने में आयोजकों को काफी मेहनत करना पडी। नारेबाजी समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन का वाचन किया गया। हिन्दू जागरण मंच के कमलेश ग्वालियरी, राजेश कटारिया व अन्य नेताओं ने कलेक्टर बाथम को ज्ञापन सौपा।

रैली में भाजपा जिलाध्यक्ष, महामंत्री निर्मल कटारिया, पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा, निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, आरएसएस के वीरेन्द्र वाफगांवकर,समाजसेवी गोविन्द काकानी, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष, अधिवक्ता परिषद के एडवोकेट सतीश त्रिपाठी भाजपा नेता अशोक जैन लाला, मनोहर पोरवाल, पार्षद भगत भदौरिया, परमानन्द यौगी, अशोक चौटाला, प्रवीण सोनी, सुनील सारस्वत सहित अनेक संस्थाओं के प्रतिनिधि, समाजों के प्रतिनिधि और विभिन्न वर्गों के लोग शामिल थे।

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