फैसला : 20 वर्ष के बलात्कारी श्यामलाल को 20 साल का कठोर कारावास की सजा
1 min read⚫ 14 वर्षीय बालिका को बनाया था हवस का शिकार
⚫ मामला मई 2023 का
⚫ मंडफिया से गिरफ्तार किया था आरोपी को
हरमुद्दा
रतलाम, 12 सितंबर। 14 वर्षीय बालिका को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले 20 वर्षीय आरोपी को न्यायाधीश ने 20 साल के कठोर कारावास तथा अर्थ दंड की सजा सुनाई।प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक विजय पारस ने की।
सहायक अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी भूपेंद्र कुमार सांगते ने हरमुद्दा को बताया कि 06 मई 2023 को थाना कालूखेडा पर 14 वर्षीय बालिका के पिता ने थाने पर बताया कि सुबह साढ़े नौ बजे घर आया, तो पत्नी ने कहा कि, सुबह से बालिका घर पर नहीं है। उसकी तलाश आसपास व मोहल्ले व रिश्तेदारों मे करने पर उसका कोई पता नहीं चला। उसे शंका है कि अज्ञात व्यक्ति उसकी नाबालिग बालिका को बहला-फुसला कर भगाकर ले गया है। अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध थाना कालूखेडा पर अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया।
उसकी इच्छा के विरुद्ध कई बार बलात्कार
अनुसंधान के दौरान 8 मई 2023 को मण्डफिया जिला, चित्तौडगढ राजस्थान से आरोपी श्यामलाल के कब्जे से बालिका को बरामद किया। पुलिस द्वारा उससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि श्यामलाल के साथ कालूखेड़ा से रोहित की मोटरसाईकिल पर साथ बैठकर साँवलिया सेठ, राजस्थान के गोकुल रेस्ट हाउस आए, वहां पर श्यामलाल द्वारा उसके साथ कई बार उसकी इच्छा के विरुद्ध बलात्कार किया। न्यायालय में आरोपी श्यामलाल के विरुद्ध धारा 363, 366, 376(3) व 376 (2) एन भारतीय दण्ड संहिता 1860 एवं धारा 5 (प्)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अंतर्गत प्रस्तुत किया गया।
विशेष न्यायाधीश ने सुनाई सजा
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट उषा तिवारी ने अभियुक्त श्यामलाल पिता राजेश मालवीय, उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम धामेडी थाना पिपपलौदा जिला रतलाम म.प्र. को लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 3/4(2) में 20 वर्ष सश्रम कारावास व 5000/-अर्थदण्ड एवं धारा 366 भादवि में 05 वर्ष सश्रम कारावास व 1000 रुपये अर्थदण्ड एवं से दण्डित किया गया। प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक विजय पारस ने की।