फैसला : बेटे बेटी की गवाही से मां की हत्यारे पिता को आजीवन कारावास की सजा, 15 वर्ष से पहले हुआ था निकाह

अवैध संबंधों की शंका में दो बार पत्नी का गला दबाकर कर दी हत्या

मामला 5 वर्ष पुराना

मृतिका की मां ने लिखवाई थी रिपोर्ट

बेटे और बेटी की गवाही रही महत्वपूर्ण

हरमुद्दा
रतलाम, 23 दिसंबर। बेटे बेटी की गवाही पर  मां के हत्यारे  पिता को अतिरिक्त न्यायाधीश निर्मल मंडोरिया ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अर्थ दंड से दंडित भी किया गया।

अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान

अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने हरमुद्दा को बताया कि 13 अक्टूबर 2019 को मृतिका की माता शहनाज बी द्वारा इस आशय की रिपोर्ट कराई थी कि वह अहिर मोहल्ला प्रतापगढ़ राजस्थान रहती है। उसने अपनी पुत्री का निकाह आरोपी अनीस कुरैशी निवासी बांसवाड़ा के साथ 15 वर्ष पूर्व किया था। एक साल पहले आरोपी अनीस ने फरियादिया शहनाज को फोन करके बताया था, कि हॉट रोड निवासी मकान मालिक सलीम से मृतका के अवैध संबंध है, जिस पर फरियादिया शहनाज द्वारा अपनी पुत्री नाजमीन व आरोपी को समझा दिया था। उसके पश्चात 13 अक्टूबर 2019 को रात्रि में 1:30 बजे किसी व्यक्ति ने फोन करके उसको बताया कि अनीस ने नाजमीन की गला दबाकर हत्या कर दी है, जिस पर फरियादिया अपने परिवार वालों के साथ रतलाम आई। अस्पताल में शवगृह में अपनी पुत्री को देखा तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी। उसके गले पर लाल- नीले निशान थे।

मृतिका  की बेटी ने बताया मम्मी पापा में हुआ झगड़ा

मृतिका नजमीन की पुत्री शिफा ने बताया था कि रात में मम्मी- पापा का झगड़ा हो रहा था, तब मम्मी ने बोला था कि वह आरोपी के साथ रहना नहीं चाहती। वह सलीम के साथ ही रहेगी। तब पापा ने मम्मी का दो बार गला दबा दिया जिससे मम्मी मर गई।

बेटे बेटी के कथन रहे महत्वपूर्ण

फरियादिया शहनाज की रिपोर्ट पर थाना स्टेशन रोड रतलाम पर अपराध क्रमांक 614 / 2019 के अंतर्गत धारा 302 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया था जिसमें अनुसंधान पश्चात अभियोगपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष 18 गवाह प्रस्तुत किए गए थे जिसमें मृतिका के पुत्र अयान व पुत्री शिफा के कथन महत्वपूर्ण रहे। इन्होंने आरोपी द्वारा गला दबाकर मृतिका को मारने की बात बताई। आरोपी व मृतिका की पड़ोसी गीता जोशी द्वारा भी घटना का समर्थन किया गया था।

न्यायाधीश ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

प्रकरण का विचारण  प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश रतलाम के अतिरिक्त न्यायाधीश निर्मल मंडोरिया के न्यायालय में किया गया, जहां पर अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य से संतुष्ट होकर न्यायालय ने आरोपी को मृतिका की हत्या का दोषी पाया और आरोपी अनीस पिता मोहम्मद शरीफ कुरैशी आयु 40 वर्ष निवासी कुशलगढ़ जिला बांसवाड़ा वर्तमान निवासी धबाई जी का वास रतलाम को 302 के अपराध में आजीवन कारावास एवं ₹5000 के अर्थ दंड से दंडित किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान द्वारा की गई थी

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