सामाजिक सरोकार : 50 साल पहले बिछड़े देश-विदेश पहुंच गए विद्यार्थी मिले वरिष्ठजन के रूप में, एक दूसरे के लिए स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए ली विदाई

स्कूल के नए भवन को देख हुए अचंभित, सुनहरी यादों को किया ताजा

स्वादिष्ट व्यंजन का उठाया लुत्फ खेल खेले

दिवंगत शिक्षकों को दी श्रद्धांजलि

स्कूल के लिए भेंट की सहयोग राशि

हरमुद्दा
रतलाम, 23 दिसंबर। श्री गुजराती समाज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रतलाम के सन् 1970 से पहले के विद्यार्थियों का एक मिलन समारोह आयोजित किया गया। अनेक पूर्व छात्र जो अब वरिष्ठजन है और इंदौर, बड़ौदा, अहमदाबाद, मुंबई, नीमच, भीलवाड़ा, गुड़गांव एवं नवसारी तथा विदेश में बस गए है, वे भी आए।

कार्यक्रम प्रातः 10 बजे रजिस्ट्रेशन एवं ब्रेकफास्ट के साथ शुरू हुआ। सभी ने स्कूल की वर्तमान स्थिति का निरीक्षण किया और अपनी पुरानी सुनहरी यादों को ताजा किया। इसके पश्चात सभी ने अपना अपना परिचय दिया। भोजन पश्चात मनोरंजक कार्यक्रम एवं हाऊसी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में पूर्व शिक्षकों एवं जो साथीगण अब इस दुनिया में नहीं है, उन्हें श्रद्धांजलि के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।

यह सब मिले पुराने मित्र

मित्र हिम्मत गेलड़ा ने बताया कि कार्यक्रम में 55 पूर्व छात्रों ने भाग लिया। जिसमें इंदौर से अशोक चौरडिया, सत्येन्द्र कारीवाला, राजेश सिंग, कन्हैयालाल मुणत, मैडम मनोरमा, विजय कटारिया, अमेरिका से हर्षद मेहता, सुधाकर पारीख एवं कनाडा से प्रदीप पारीख,  अहमदाबाद से भरत भाई, मुंबई से मुकुल शाह, यशवंत त्रिपाठी, नीमच से मैडम मीना, भीलवाड़ा से मालपानी, गुड़गांव से सुधीर गुप्ता सम्मिलित हुए। रतलाम से रवि डफरिया, सीरिल एडविन, कृष्ण नीमा, हिम्मत गेलड़ा, पारस सकलेचा, मोहन मोदी, सुभाष बाफना, रमेश खंडेलवाल, समरथ बोथरा, सुधीर गुप्ता, वीरेंद्र श्रीमाल, वीरेंद्र पोरवाल,  कुसुम हरकावत, ओमप्रकाश जैन, नवनीत पटेल, सुरेश चोपड़ा, राजेंद्र मेहता, दिनेश माहेश्वरी, डॉ. कीर्ति शाह, कांतिलाल कावड़िया आदि ने अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराई।

भेंट किए स्मृति चिह्न

इस अवसर पर मिलन समारोह में सहभागिता करने वाले पूर्व छात्रों को स्मृति चिह्न प्रदान किए गए। पूर्व छात्रों द्वारा स्कूल के लिए सहयोग राशि भी प्रदान की गई। सभी पूर्व छात्रों ने एक दूसरे के स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए विदा ली। संचालन सुरेंद्र पोरवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किशोर खिलोसिया, सुरेंद्र पोरवाल, अभय सुराणा एवं  हर्षद मेहता के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

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