देश में शोक : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को कांग्रेस कार्यालय से दी जाएगी अंतिम विदाई, प्रधानमंत्री पहुंचे श्रद्धांजलि देने
⚫ देश में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक, आधा झुका रहेगा राष्ट्र ध्वज
⚫ श्री सिंह की एक बेटी है विदेश में
⚫ सम्मान देने के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने बांध ली काली पट्टी
⚫ जब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने की थी नए आर्थिक युग की शुरुआत
⚫ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रद्द की जम्मू यात्रा
हरमुद्दा
नई दिल्ली, 27 दिसंबर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। उन्होंने 92 साल की आयु में दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। रात में ही उनका पार्थिव शरीर दिल्ली स्थित आवास पर लाया गया था। कल सुबह 11 बजे उनका अंतिम संस्कार हो सकता है। कांग्रेस मुख्लालय में उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।। केंद्र सरकार ने पूर्व पीएम के निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। उनकी एक बेटी विदेश में हैं। उनके आने के बाद ही डॉ. मनमोहन सिंह को अंतिम विदाई दी जाएगी।
डॉ. सिंह के निधन पर पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और अन्य दिग्गज नेताओं ने दुख जताया है। लोग डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को याद कर रहे हैं। उनको सम्मान देने के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने काली पट्टी बांध ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह डॉ. मनमोहन सिंह के आवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे। दिल्ली में बारिश की वजह से व्यवस्था में थोड़ी देरी हुई है। उनके आवास पर टेंट की व्यवस्था की जा रही है।
जब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने की थी नए आर्थिक युग की शुरुआत
भारत के आर्थिक सुधारों के जनक मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में बृहस्पतिवार रात को दिल्ली में निधन हो गया। वह 2004-14 के दौरान भारत के प्रधानमंत्री थे। उन्हें 1991 में भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। जब सिंह ने 1991 में पी वी नरसिम्ह राव की सरकार में वित्त मंत्रालय की बागडोर संभाली थी, तब भारत का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 8.5 प्रतिशत के करीब था, भुगतान संतुलन घाटा बहुत बड़ा था और चालू खाता घाटा भी जीडीपी के 3.5 प्रतिशत के आसपास था। इसके अलावा देश के पास जरूरी आयात के भुगतान के लिए भी केवल दो सप्ताह लायक विदेशी मुद्रा ही मौजूद थी। इससे साफ पता चलता है कि अर्थव्यवस्था बहुत गहरे संकट में थी। ऐसी परिस्थिति में डॉ सिंह ने केंद्रीय बजट 1991-92 के माध्यम से देश में नए आर्थिक युग की शुरुआत कर दी। यह स्वतंत्र भारत के आर्थिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसमें साहसिक आर्थिक सुधार, लाइसेंस राज का खात्मा और कई क्षेत्रों को निजी एवं विदेशी कंपनियों के लिए खोलने जैसे कदम शामिल थे। इन सभी उपायों का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का था।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रद्द की जम्मू यात्रा
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्र सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय शोक के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की प्रस्तावित जम्मू यात्रा शुक्रवार को पुनर्निर्धारित कर दी गई। धनखड़ को श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करना था।
आधा झुका रहेगा राष्ट्र ध्वज
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश भर में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान पूरे भारत में राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा।सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को बृहस्पतिवार को भेजे गए पत्र में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा और राष्ट्रीय शोक के दौरान कोई आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा।
10 साल तक इस आवास में रहे डॉ. मनमोहन सिंह
लुटियंस दिल्ली के मोतीलाल नेहरू रोड स्थित बंगला नंबर 3, करीब 10 सालों तक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आवास रहा। सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 92 साल के थे। तीन एकड़ के भूखंड वाले इस विशाल टाइप-8 बंगले में सिंह तब आए थे जब मई 2014 में नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी 7 रेसकोर्स रोड (अब 7 लोक कल्याण मार्ग) रहने पहुंचे और सिंह 3, मोतीलाल नेहरू मार्ग में। सिंह से पहले, यह बंगला दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का आधिकारिक आवास था। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने इसे खाली कर दिया था। दीक्षित का साल 2019 में 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
क्रिकेट टीम ने यूं दिया डॉ. मनमोहन सिंह को सम्मान
भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट के दूसरे दिन शुक्रवार को बांह पर काली पट्टी बांध कर मैदान पर उतरे।