वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे झमाझम बारिश का दौर शुरू, रतलाम में 105 मिनट झमाझम बारिश, जिले ने 1000 मिमी का आंकड़ा किया पार -

झमाझम बारिश का दौर शुरू, रतलाम में 105 मिनट झमाझम बारिश, जिले ने 1000 मिमी का आंकड़ा किया पार

हरमुद्दा
रतलाम, 25 अगस्त। जिले में आठ दिन बाद झमाझम बारिश दौर शुरू हो गया। रविवार को सुबह 105 मिनट झमाझम बारिश कोई और जिले की बारिश ने 4 अंकों का आंकड़ा पार कर लिया। मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि प्रदेश में 2 दिन तक झमाझम बारिश का दौर चलेगा। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र असर प्रदेश में बारिश का दौर शुरू हुआ है।
मध्यप्रदेश में झमाझम और भारी बारिश का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। रविवार को इंदौर, उज्जैन, होशंगाबाद, सहित अन्य संभागों में झमाझम बारिश होगी।
शनिवार को शहर के विभिन्न हिस्सों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई लेकिन रविवार सुबह 8:00 बजे से लेकर 9:45 बजे तक झमाझम बारिश हुई। सड़कें पानी से लबालब हो गई।

रतलाम जिले में 40 इंच से अधिक बारिश

मानसून सत्र में जिले में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है। 40 इंच का आंकड़ा पार कर लिया है। रविवार सुबह 8:00 बजे तक जिले में लगभग 1005 मिमी बारिश औसत रूप से दर्ज की गई है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि तक लगभग साढ़े 690.3 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। जिले में 314.7 मिमी बारिश अधिक हुई है।

जिले में हुई करीब 17.1 मिमी बारिश

रविवार की सुबह 8:00 बजे समाप्त हुए 24 घंटों के दौरान जिले के जावरा वर्षा मापी केंद्र पर .01 मिलीमीटर, ताल में 36.2 मिलीमीटर, आलोट में 33 मिलीमीटर, पिपलौदा में 13 मिलीमीटर, बाजना में 30 मिलीमीटर, रतलाम में 20 मिलीमीटर, रावटी में 00 मिलीमीटर तथा सैलाना में 30 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

सर्वाधिक बारिश आलोट में

रविवार सुबह तक जिले के आलोट वर्षा मापी केंद्र पर 1188 मिलीमीटर तथा सबसे कम बाजना में 775 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। ताल में 1178.4 मिलीमीटर, जावरा में 1011 मिलीमीटर, पिपलौदा में 859 मिलीमीटर, रतलाम में 882 मिलीमीटर, रावटी में 1136 मिलीमीटर तथा सैलाना में 1010 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

दो दिन बारिश का जोर

मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे ने “हरमुद्दा” से चर्चा में बताया कि रतलाम इंदौर, मंदसौर, उज्जैन सहित प्रदेश के आधे से अधिक जिलों में 2 दिन तक बारिश का जोर रहेगा। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव का क्षेत्र का प्रभाव प्रदेश में नजर आने लगा है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में भारी बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता।

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