रतलाम में चूहों के विश्राम भवन में बाढ़, आधी रात को हुए बेघर

हरमुद्दा
रतलाम, 27 अगस्त। सोमवार मंगलवार की दरमियानी रात रतलाम में हुई जोरदार बारिश से रतलाम में चूहे के विश्राम भवन में बाढ़ आ गई है। नतीजतन आधी रात को बेघर हो गए। गणेश जी की स्थापना के पहले ही उनके वाहन मूषक को घर से विस्थापित होना पड़ा।

रतलाम के रेलवे स्टेशन पर रेलवे और रेल यात्रियों का माल खाकर मस्त होने वाले चूहों के लिए सोमवार की रात खतरनाक गुजरी। तेज बारिश के चलते रेलवे पटरी जलमग्न हो गई। परिणाम स्वरूप चूहों के विश्राम भवनों में (बिल) में पानी घुसने से बाढ़ आ गई और वे अपनी जान बचाकर बाहर निकले। विपत्ति में उन्हें जहां सहारा मिला, वहां पर एक साथ जमा हो गए। बारिश में भीगने से वे कांपने लगे।

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गणेशजी की स्थापना के पहले मूषक हुए अपने घर से विस्थापित

6 दिन बाद देश में श्री गणेश चतुर्थी के साथ 10 दिवसीय का श्रीगणेश होगा। वही मंगलवार को मंगलमूर्ति श्री गणेश जी के वाहन मूषक यानी कि चूहों को बेघर होना पड़ा। गणेशजी की स्थापना के पहले मूषक अपने घर से विस्थापित हुए।

वे कम नहीं होते और इनकी चांदी

“मुद्दे” बात यह है कि रेलवे स्टेशन पर हजारों की संख्या में खा पीकर चूहे मस्त रहते हैं। रेलवे को नुकसान भी पहुंचाते हैं। इसलिए चूहों को हटाने के लिए रेलवे को अभियान भी चलाना पड़ता है। रेलवे द्वारा लाखों रुपए खर्चा किए जाते हैं। फिर भी चूहें है कि यहां से जाने का नाम नहीं लेते। हां, चूहों के सफाए में चूहों के हटाने का ठेका लेने वालों की तो चांदी ही चांदी होती है।

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