सनातन सोशल ग्रुप द्वारा सम्मान : परोपकार से पुण्य और पीड़ा देने से बढ़ते हैं पाप: शास्त्री

हरमुद्दा
रतलाम, 2 सितंबर। यह सनातन सत्य है कि जो व्यक्ति समाज में परोपकार करता है, उसे पुण्य की प्राप्ति होती है वहीं जो जन समाज में अपनों को पीड़ा पहुंचाने का कृत्य करता है, वह पाप का भागीदार होता है। अतः मनुष्य को जीवन  सदैव परोपकार व समाज सेवा को लक्ष्य बनाकर जीना चाहिए।
यह विचार हॉलैंड से आए आचार्य सत्यव्रत शास्त्री ने सनातन सोशल ग्रुप द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए।
सनातन सोशल ग्रुप के बैनर तले समाजसेवी गोविंद काकानी एवं पत्रकार राजू केलवा का सम्मान ग्रुप के मनोज शर्मा, मोहन शर्मा, प्रकाश शर्मा ने साफा बांधकर पुष्पहार पहनाकर किया गया। हरथली रोड स्थित कबीर आश्रम के पास श्रीजी फार्म हाउस पर हुए आयोजन में सनातन सोशल ग्रुप के सतीश राठौर, सुरेश मजावदिया, शान्तु गवली, गोवर्धन जाट, डॉ. मुकेश राठौर, भुवनेश पंडित, संतोष सोनी, कैलाश पहलवान, अशोक सोनी, रखब भरगट, रामलाल मालवीय, दशरथ पाटीदार, अनिल राठौर, लालू राठौड़, भरत राठौड़, अजय शर्मा, आयुष राठौर, मोहित शर्मा, पीयूष राठौर, शुभम शर्मा, मोहन भाई सहित अन्य मौजूद थे। संचालन विशाल शर्मा ने किया। आभार मनोज शर्मा ने माना।

मानव सेवा ही धर्म

जीवन का उद्देश्य प्रारंभ से मानव सेवा और समाज सेवा रहा है। मनुष्य जीवन में जितनी मदद हो सके, वह सभी को अवश्य करना चाहिए। आपके सहयोग और मदद से किसी का जीवन संवार सकता है।
🔳  गोविंद काकानी, समाजसेवी

धर्म से बड़ा और कुछ भी नहीं

अंतिम सांस तक धर्म रक्षा में तत्पर रहना चाहिए। धर्म के कारण ही हम सभी हैं। धर्म हमारे लिए है और हम धर्म के लिए। अतः जीवन में धर्म से बड़ा और कुछ भी नहीं है। धर्म रक्षा के लिए मनुष्य को तन मन धन से सहयोग करना चाहिए।
🔳  राजू केलवा, पत्रकार

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