सामूहिक प्रकट उत्सव: समाज में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार होते हैं स्वयंसेवक: श्री गोठी

हरमुद्दा
रतलाम, 3 सितंबर। भारत, नेपाल ही नहीं श्रीलंका और सुमात्रा तक में राहत कार्यो में “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” के स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। एक छोटी सी शाखा से ही हजारों देशभक्त खड़े हो रहे हैं। अपनी दैनिक शाखाओं के माध्यम से प्रशिक्षण लेकर स्वयंसेवक समाज में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार होते हैं। बिना किसी अपेक्षा के निःस्वार्थ भाव से सेवा करना ही स्वयंसेवकों का ध्येय रहता है।

यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक विजेंद्र गोठी ने व्यक्त किए। जिला प्रचार प्रमुख विवेक जायसवाल ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला रतलाम का बरवड़ हनुमान मंदिर स्थित विधायक सभागार में सात दिवसीय प्राथमिक वर्ग के समापन हुआ। इस अवसर पर सामूहिक प्रकट उत्सव कार्यक्रम में जिला प्रचारक श्री गोठी मुख्य वक्ता थे। आयोजन में जिला कार्यवाह चरण सिंह चौधरी, वर्ग कार्यवाह मांगीलाल खराड़ी मंचासीन थे।

आपदाओं में स्वयंसेवक सबसे पहले देते सेवा

मुख्य वक्ता श्री गोठी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को 94 साल हो चुके है। 1925 में विजयादशमी के दिन डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” की स्थापना की थी। तब से लेकर आज तक संघ जब-जब देश पर विपदा आई है, तब-तब संघ सबसे पहले सेवा के लिए खड़ा हुआ है और संघ का स्वयंसेवक वहां सबसे पहले पहुंचा है। सेवा कार्य 1971 में ओडिशा में आए भयंकर चक्रवात से लेकर भोपाल की गैस त्रासदी तक। 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों से लेकर गुजरात के भूकंप, सुनामी की प्रलय, उत्तराखंड की बाढ़ और चेन्नई में जल प्रलय से लेकर कारगिल युद्ध के घायलों की सेवा तक संघ ने राहत और बचाव का काम हमेशा सबसे आगे होकर किया है। यही कारण है कि समाज में आने वाली आपदाओं के समय संघ के स्वयंसेवक सबसे पहले सेवा को पहुंचाते हैं।

संघ कार्य को समाज से भरपूर सहयोग

वर्ग कार्यवाह मांगीलाल खराड़ी ने वर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि संघ कार्य को समाज से भरपूर सहयोग मिल रहा है और समाज पर्यवारण सुरक्षा व बचाव की अग्रसर रहे। ऐसी समाज से अपेक्षा है।

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