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दीक्षारंभ समारोह: वैश्विक चुनौतियों के लिए सक्षम बनें विद्यार्थी : डॉ. वाते

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हरमुद्दा
रतलाम, 19 सितंबर। तकनीकी ज्ञान के इस दौर में विद्यार्थी जितनी जल्दी तकनीकी ज्ञान से जुड़ेगा, उतनी ही जल्दी वह वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनेगा। महाविद्यालय न केवल विद्यार्थियों को पारम्परिक ज्ञान उपलब्ध करवाता है बल्कि तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराकर उन्हें वैश्विक चुनौतियों के लिए भी सक्षम बनाता है।

यह बात शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय वाते ने कही। वे महाविद्यालय के नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए आयोजित तीन दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम के समापन अवसर पर बोल रहे थे।

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शैक्षणिक संस्थाएं भी विद्यार्थियों के विकास में सहायक

उन्होनें कहा कि किसी पौधे के लगाने के बाद उसकी देख-रेख करने पर वह पौधा बड़ा होने पर अच्छे फल देता है, उसी प्रकार शैक्षणिक संस्थाएं भी विद्यार्थियों की देख-रेख कर उनके नैसर्गिक विकास में सहायता करती है।

योजनाओं का लाभ लें विद्यार्थी

डॉ. वाते ने कहा कि विद्यार्थी अपनी क्षमताओं को पहचान कर उपने भविष्य का मार्ग तय करें, विद्यार्थियों की हर कठिनाईयों का समाधान करने के लिए महाविद्यालय हमेशा तत्पर रहता है, विद्यार्थी महाविद्यालय में संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लें।

पॉवर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन से दी जानकारी विशेष सत्रों में

विश्व बैंक परियोजना के गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के तहत पहली बार आयोजित इस तीन दिवसीय इन्डेक्शन प्रोग्राम में संबंधित प्रभारी प्राध्यापकों द्वारा विशेष सत्रों में विद्यार्थियों को पॉवर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई ।

दिया मार्गदर्शन

उच्च शिक्षा विभाग एवं अपने महाविद्यालय के बारे में डॉ. सी एल शर्मा, विक्रम विश्वविद्यालय के बारे डॉ. वायके मिश्रा, म. प्र. शासन द्वारा महाविद्यालय में संचालित विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियों के बारे में डॉ. एल. एस. चौंगड, प्रो. एस. एल. मुवेल, प्रो. मुकेश इवने एवं डॉ. कविता ठाकुर द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया

सुविधाओं तथा जानकारियों से अवगत कराया विद्यार्थियों को संबंधितों ने

विश्व बैंक परियोजना के तहत शुरू किए जा रहे कमजोर विद्यार्थियों के लिए उपचारात्मक कक्षाओं की जानकारी डॉ. रियाज मंसूरी द्वारा प्रदान की गई। महाविद्यालय से उत्तीर्ण होने के बाद विविध क्षेत्रों में अपने कार्य से महाविद्यालय को अवगत कराने बारे में ट्रेनिंग की जानकारी प्रो. दिनेश बौरासी द्वारा प्रदान की गई । विश्व बैंक परियोजना से सम्पन्न होने वाली जानकारियां जैसे- शैक्षणिक एवं औद्योगिक भ्रमण, प्रतिष्ठित संस्थानों के विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित कर विशेष व्याख्यान, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा एवं नैक मूल्यांकन एवं ई-शैक्षणिक विवरण के बारे में डॉ. विनोद शर्मा एवं डॉ. राजू हरोडे द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया। रोजगार एवं स्वरोजगार से संबंधित जानकारी मार्गदर्शन स्वामी विवेकांद केरियर प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. स्वाति पाठक ने दी । युवा उत्सव एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के बारे में डॉ. शकुन्तला जैन एवं डॉ. आरके मौर्य ने बताया। इसके अतिरिक्त खेल गतिविधियां डॉ. एसएस मौर्य एवं दीपेशचन्द्र पुरोहित द्वारा, एन.एस.एस. की गतिविधियां डॉ. गोपाल खराडी, डॉ. धीरेन्द्र केरवाल एवं डॉ. ललिता मरमट द्वारा प्रदान की गई। एन.सी.सी. के बारे में प्रो. आर. एस. जामोद द्वारा मार्गदर्शन दिया गया। विद्यार्थियों के ट्रेनिंग एवं इन्ट्रेनशीप के बारे में डॉ. पीबी रेड्डी द्वारा तथा महाविद्यालय में आयोजित होने वाले सेटिसफेकशन सर्वे के बारे में आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. भावना देशपाण्डे द्वारा प्रदान की गई। तीन दिवसीय कार्यक्रम के बारे में विद्यार्थियों ने भी अपने विचार रखते हुए उक्त कार्यक्रम को अपने लिए बहुत लाभदायक बताया।संचालन डॉ. सीएल शर्मा ने किया। आभार डॉ. विनोद शर्मा ने माना।

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