आयुक्त नि:शक्तजन हुए नाराज: जिला परिवहन विभाग काम नहीं कर रहा है दिव्यांगों के लिए
हरमुद्दा
रतलाम, 19 सितंबर। भोपाल से आए आयुक्त नि:शक्तजन मध्यप्रदेश शासन संदीप रजक ने गुरुवार को एडवोकेसी बैठक में जिला परिवहन कार्यालय की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शिकायतें मिल रही हैं कि जिला परिवहन कार्यालय जिले में दिव्यांगों के कल्याण के लिए ठोस कार्य नहीं कर रहा है। उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी को इस दिशा में उचित कदम उठाने के निर्देश दिए।
और इन्हें मिली शाबाशी
आयुक्त ने कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा विगत चुनाव में दिव्यांग वोटरों के लिए किए गए बेहतर कार्यों को सराहा गया। साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सुनीता यादव की भी इस बात के लिए प्रशंसा की कि आंगनवाड़ियों में दिव्यांगों के लिए अच्छा कार्य किया जा रहा है।
यह थे मौजूद
आयुक्त जिले में दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं, कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा में प्रगति से अवगत हुए। बैठक में उपसंचालक सामाजिक न्याय एसएस चौहान, जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र के प्रभारी डॉ. आनंद कातरकर तथा शासन के अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में मौजूद थे।
मिलती है छूट व सीट बसों में
बैठक में जिला परिवहन अधिकारी ने बताया कि दिव्यांगों को बस यात्रा में 50 प्रतिशत छूट किराए में मिलती है। साथ ही प्रत्येक बस की 5 सीट दिव्यांगों के लिए आरक्षित रहती है। आयुक्त ने जिला परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए कि बसों में कंडक्टर दिव्यांगों को परेशान नहीं करें, उनको नियमानुसार किराए में छूट प्रदान करें।
तो तत्काल रद्द करें परमिट
इसके साथ ही उनको उनकी आरक्षित सीटों पर बैठने के लिए जगह मिले, यह सुनिश्चित करें। यदि दिव्यांगों द्वारा किसी बस के संबंध में शिकायत की जाती है तो उस बस का परमिट रद्द करने की कार्रवाई की जाए।
दिव्यांग बालिकाओं के स्कूल के लिए प्रस्ताव
बैठक में आयुक्त श्री रजक ने जिले में दिव्यांग बालक, बालिकाओं की शैक्षणिक व्यवस्था की जानकारी ली। जिले में बालकों के लिए इस प्रकार की व्यवस्था है परंतु बालिकाओं के लिए विशेष स्कूल नहीं है, यह व्यवस्था उज्जैन में है। आयुक्त ने निर्देशित किया की बालिकाओं के रहवासी स्कूल के लिए जिला परियोजना समन्वयक प्रस्ताव तैयार करेंगे जो कलेक्टर के माध्यम से शासन को जायगा। इस दिशा में शासन स्तर पर तेजी से कार्रवाई की जाएगी।
विकलांग पुनर्वास केंद्र लाया जाए
रतलाम
आयुक्त श्री रजक ने दिव्यांगजनों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए बैठक में निर्देशित किया कि जिले के आलोट में स्थापित जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र को रतलाम मुख्यालय पर शिफ्ट किया जाए, जिससे पूरे जिले के दिव्यांगजन आसानी से लाभ उठा सकें। वर्तमान में रतलाम मुख्यालय पर इसके लिए भवन निर्माणाधीन है परंतु अभी समय लगेगा, इसलिए रतलाम में किराए के भवन में संचालित किया जाए, साथ ही स्टाफ भर्ती भी की जाए।
पोर्टल पर 7850 दिव्यांग, परिचय पत्र बनाने की कार्रवाई
बैठक में उपसंचालक सामाजिक न्याय श्री चौहान ने बताया कि स्पर्श पोर्टल पर जिले में 7850 दिव्यांगजनों की प्रविष्टि है परंतु कुल 14381 दिव्यांग जनों के आवेदन ऑनलाइन है। सभी के परिचय पत्र बनाने का कार्य किया जा रहा है।
दिव्यांगजन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान नहीं हो
आयुक्त ने निर्देश दिए कि जिले में दिव्यांगजनों को डॉक्टर से मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने में भटकना नहीं पड़े, परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, उनको बार-बार नहीं आना पड़े। यदि संपूर्ण दस्तावेज एक साथ में प्रस्तुत करता है तो उसी दिन उसको प्रमाण पत्र बनाकर उपलब्ध करा दिया जाए। स्वास्थ्य विभाग में ऑपरेटर्स की समस्या की जानकारी आने पर उप संचालक सामाजिक न्याय को ऑपरेटर व्यवस्था के निर्देश आयुक्त ने दिए।
जिले में साढे तीन हजार से ज्यादा दिव्यांगों के बनाए गए परिचय पत्र
जिले के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिव्यांगजनों के लिए परिचय पत्र बनाने का कार्य किया जा रहा है। बताया गया कि जिले के 3737 दिव्यांगों के परिचय पत्र बनाकर उपलब्ध करा दिए गए हैं। यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय इंदिरा गांधी नि:शक्त पेंशन जिले में 2256 दिव्यांगों को दी जा रही है। इसके साथ ही मानसिक बहुकलांग पेंशन योजना के तहत 862 दिव्यागों को 600 रूपए प्रतिमाह पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है। जिले में जुलाई माह तक सभी पात्र दिव्यांगों को पेंशन राशियां वितरित की जा चुकी हैं परंतु अगस्त माह में 50 प्रतिशत दिव्यांगों को ही राशि वितरित की जा सकी है, शेष वितरण जारी है। दिव्यांगों को वयोश्री तथा एडिप योजना के अंतर्गत कृत्रिम अंग उपकरण भी प्रदान किए गए हैं। गत वर्ष एलिम्को द्वारा एडिप योजना के अंतर्गत 745 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग प्रदान किए गए।
मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल के लिए सांसद-विधायक निधि का लेंगे सहयोग
कलेक्टर चौहान ने बैठक में बताया कि जिले में 113 दिव्यांगों को मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल वितरित की जा चुकी है। इसमें शासन द्वारा प्रदत राशि के अलावा भी राशि की जरूरत पड़ती है, इसके लिए जिले से संबंधित विधायकों, सांसदों से उनकी निधि का सहयोग प्राप्त किया जाएगा। आयुक्त ने 113 मोटराइज्ड साइकिल वितरण पर संतोष जताया।
नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 21 जोड़ों का विवाह
बताया गया कि जिले में नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 21 जोड़ों का विवाह हुआ है। आयुक्त ने इस योजना में 101 जोड़ों के विवाह का लक्ष्य रखने के निर्देश दिए। यह भी बताया गया कि जिले में 117 दिव्यांगों के लिए लीगल गार्जियन सी-प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। प्री मैट्रिक हो, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की जानकारी भी दी गई। जिले के 17 दिव्यांगों को स्वरोजगार के लिए 35 लाख रूपए राशि बेंको द्वारा वितरित की गई है ।
अनुभूति पार्क के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश
आयुक्त श्री रजक ने रतलाम में दिव्यांगजनों के लिए अनुभूति पार्क बनाने के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। उज्जैन में इस प्रकार का पार्क शासन द्वारा निर्मित किया गया है, उसी तर्ज पर रतलाम में भी बनाया जाएगा। इस संबंध में नगर निगम प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजेगा। चूँकि रतलाम शासन की मिनी स्मार्ट सिटी योजना में सम्मिलित है, इस योजना में 5 प्रतिशत राशि दिव्यांग कल्याण के लिए प्रावधानीत की जाती है। इस राशि का इस्तेमाल अनुभूति पार्क बनाने में किया जाएगा।
विकासखंड स्तर पर कैंप लगाने के निर्देश
आयुक्त श्री रजक ने बैठक में निर्देश दिए कि दिव्यांगों के मेडिकल प्रमाण-पत्र तेजी से बनाने के लिए विकासखंड स्तर पर कैंप आयोजित किए जाएं। इसके लिए टीम का गठन किया जाए जो प्रमाण पत्र बनाने में मदद करेगी।
प्रकरण लाएं अन्यथा रोका जाएगा वेतन
बैठक में आयुक्त द्वारा शासन की नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन योजना की जानकारी भी ली गई। बताया गया कि जिले में 21 जोड़ों को इस योजना में राशि प्रदान की गई है। आयुक्त द्वारा इस वर्ष 101 जोड़ों को लाभान्वित करने के लिए निर्देशित किया गया। नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन योजना में सामान्य व्यक्ति द्वारा दिव्यांग से विवाह करने पर 2 लाख रुपए जोड़े को दिए जाते हैं तथा दिव्यांग द्वारा दिव्यांग से विवाह करने पर 1 लाख दिए जाते हैं। आयुक्त ने जिले के सभी मोबाइल स्रोत सलाहकारों को निर्देशित किया कि वह इस माह में ही दो-दो प्रकरण पात्र व्यक्तियों के लाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा पात्रों को योजना में लाभान्वित किया जा सके। लक्ष्यपूर्ति नहीं करने पर वेतन रोका जाएगा। जिले के प्रत्येक विकासखंड में मोबाइल स्रोत सलाहकार नियुक्त है जो दिव्यांगों को विभिन्न योजनाओं कार्यक्रमों की जानकारी देने और लाभ दिलाने के लिए फील्ड विजिट करते हैं।
पात्र स्टूडेंट को मिलेगा लैपटॉप
शासन द्वारा नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत दिव्यांग विद्यार्थियों को लैपटॉप प्रदान किए जाते हैं। यह लैपटॉप उन विद्यार्थियों को मिलते हैं जो कक्षा दसवीं में अध्ययनरत हैं। अस्थिबाधित होने की दशा में 60 प्रतिशत अंकों के साथ एवं अन्य दिव्यांगता की दशा में 50 प्रतिशत अंकों के साथ कक्षा नवी उत्तीर्ण करके कक्षा 10 वी में अध्ययनरत होने पर लेपटोप दिया जाता है। बताया कि जिले में अब तक ऐसे पात्र स्टूडेंट नहीं मिले हैं। आयुक्त श्री रजक ने निर्देश दिए कि जिला शिक्षा अधिकारी डीपीसी ऐसे स्टूडेंट चिह्नित करें, उन्हें लाभ दिलाए ।