श्रीजयदेवरचित "गीतगोविन्दम्" से __________________________ डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला _________________ ललितलवंगलतापरिशीलनकोमलमलयसमीरे। मधुकरनिकरकरम्बितकोकिलकूजितकुञ्जकुटीरे।। विहरति हरिरिह सरसवसन्ते। (more…)
सरोकार
गिरीश्वर मिश्र गणतंत्र दिवस का दिन अनुशासन और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता का आह्वान करता है क्योंकि जनतंत्र की व्यवस्था...
त्रिभुवनेश भारद्वाज अनास्था विवेक नष्ट कर देती है। दुनिया में प्राक्रतिक आपदाओं से उतने लोग नष्ट नहीं हुए है जितने...