राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस बोबडे को भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश की दिलाई शपथ
हरमुद्दा
नई दिल्ली,18 नवंबर। सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस शरद अरविंद बोबडे को भारत के 47 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस बोबडे जस्टिस रंजन गोगोई की जगह देश के नए सीजेआई होंगे।
जस्टिस बोबडे महाराष्ट्र के एक प्रख्यात वकीलों के परिवार से आते हैं। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे बोबडे को अप्रैल 2013 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल 2021 तक देश के सीजेआई के रूप में कार्य करेंगे।
महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता थे श्री बोबडे के पिता
देश के नए चीफ जस्टिस बोबडे के पिता अरविंद श्रीनिवास बोबडे महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता थे। इसके अलावा उनके भाई भी एक वरिष्ठ वकील थे। उल्लेखनीय है कि जस्टिस बोबडे सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों वाली उस विशेष पीठ के हिस्सा थे, जिसने सालों से विवादित अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर ऐतिहासिक फैसला दिया है।
कई महत्वपूर्ण मामलों पर दिया निर्णय
गौरतलब है कि जस्टिस गोगोई का सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल विख्यात रहा है। इस दौरान कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय दिया है। अयोध्या मामले के अलावा गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सबरीमाला मुद्दे से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों को एक बड़ी पीठ को सौंपने का फैसला किया।
साल 2000 से दे रहे सेवाएं
न्यायमूर्ति बोबडे साल 2000 से न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। जस्टिस बोबडे अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में बॉम्बे उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बने थे। उन्हें अक्टूबर 2012 में 39वें मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर द्वारा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नामित किया गया था।
जस्टिस गोबरे के बारे में जानकारी
महाराष्ट्र् के नागपुर में 24 अप्रैल, 1956 को जन्मेच जस्टिस एसए बोबडे सुप्रीम कोर्ट के जज हैं। वे महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मुंबई और महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नागपुर के चांसलर भी हैं। उनके पिता का नाम अरविंद श्रीनिवास बोबडे है। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की है। एसए बोबडे 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाई कोर्ट की खंडपीठ में अपर न्यायाधीश बने थे। एसए बोबडे ने 16 अक्टूबर 2012 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था। 12 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट में उन्हें पदोन्नत किया गया। उनका कार्यकाल 23 अप्रैल 2021 को खत्म होगा।