एड्स में दवाई के साथ मरीज के प्रति सामाजिक और नैतिक सहयोग भी जरूरी : प्राचार्य छजलानी

🔳 एड्स दिवस पर एनसीसी कैडेट्स को किया जागरूक

🔳 कैडेट्स ने बनाया रेड रिबन संकेत

हरमुद्दा
सैलाना, 2 दिसंबर। एड्स का इलाज पूर्णतः संभव तो नहीं है, किंतु प्रारंभिक जांच में यदि एड्स होने की जानकारी मिलती है तो दवाई, अच्छा खान-पान एवं योगासन के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी में मेडीकल की आवश्यकताओं के साथ-साथ सामाजिक और नैतिक सहयोग की जरूरी है। यह हम सभी का दायित्व होता है कि किसी भी तरीके से मरीज की पहचान का खुलासा न हो। उसे हैं भावना से नहीं देखे। समाज को जागरूक करना हमारी जिम्मेदारी है और हमें इसका निर्वाह करना चाहिए।

यह विचार प्राचार्य सुनीता छजलानी ने व्यक्त किए। प्राचार्य सैलानी के मुख्य आतिथ्य में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एड्स दिवस मनाया गया। एनसीसी अधिकारी माया मेहता के निर्देशन में एनसीसी कैडेट्स के साथ एड्स दिवस मनाया गया। एनसीसी कैडेट्स को “एड्स का ज्ञान बचाए जान” के माध्यम से एड्स एवं उससे बचाव के तरीके विद्यालय की प्राचार्य छजलानी ने बताते हुए कहा कि एड्स पीड़ित लोग भयानक बीमारियों क्षय रोग और कैंसर आदि से पीड़ित हो जाते हैं। कई अवसरवादी संक्रमण पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर आसानी से अपना स्थान स्थापित कर देते हैं।

प्रचार प्रसार से होगा बचाव

प्राचार्य छजलानी ने कहा कि अक्सर एड्स तब होता, जब पीड़ित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध स्थापित हो जाता है। किसी बीमारी में दूषित रक्त से चढ़ाने से और संक्रमित सुई के उपयोग से एड्स होता है। इसके साथ ही एड्स संक्रमित मां से उसके होने वाली संतान को भी एड्स होता है। इसके बावजूद से पीड़ित व्यक्ति के प्रति सहानुभूति रखना बेहद आवश्यक होता है। इस जानकारी को अपने क्षेत्र के लोगों को भी देना कैडेट्स और विद्यार्थियों की जिम्मेदारी है। इसका जितना अधिक प्रचार-प्रसार होगा इस बीमारी से उतना ही बचाव भी होगा।

कैडेट्स ने बनाएं पोस्टर, करेंगे जागरूक

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एनसीसी कैडेट्स द्वारा रेड रिबन का संकेत बनाया गया।एनसीसी कैडेट्स ने एड्स से संबंधित पोस्टर बनाएं। इसके माध्यम से वे अपने क्षेत्र में जागरूक करेंगे। कार्यक्रम में विद्यालय परिवार उपस्थित था। संचालन श्रीमती मेहता ने किया।

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