वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे पन्ना बाघ पुन: स्थापना के 10 वर्ष : बाघ प्रेमी और संरक्षक करेंगे पन्ना टी-3 वॉक -

🔳 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के बाघ संरक्षक और बाघ प्रेमी होंगे शामिल

🔳 शून्य से अर्द्धशतक के सफर का एक दशक

हरमुद्दा
भोपाल, 7 दिसंबर। पन्ना जिला वर्ष 2009 में बाघ शून्य हो गया था। आज लगभग 10 साल बाद वहाँ आधा सैकड़ा बाघ हैं। बाघ पुन:स्थापना में पन्ना विश्वगुरु के रूप में स्थापित हो चुका है। बाघ पुन: स्थापना की स्मृतियों को पुन: जीवित करने के लिए मध्यप्रदेश राज्य जैव-विविधता बोर्ड और वन विभाग द्वारा पन्ना में 20 से 26 दिसंबर तक ‘पन्ना 10 इयर्स, पन्ना टी-3 वॉक” मनाया जा रहा है। इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के बाघ संरक्षक और बाघ प्रेमी शामिल होंगे।

रात-दिन की कड़ी मेहनत व स्थानीय लोगों का सहयोग लाया रंग

सदस्य राज्य जैव-विविधता बोर्ड और तत्कालीन पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक श्रीनिवास मूर्ति ने बताया कि ‘जन-समर्थन से बाघ संरक्षण” के कारण स्थानीय लोगों, बाघ संरक्षकों और बाघ प्रेमियों के आभार प्रदर्शन के रूप में यह कार्यक्रम पहले बाघ टी-3 के पन्ना पहुँचने और पन्ना से निकलने की कोशिश करने के रास्ते पर वापस ट्रेकिंग से होगा। बाघ आबादी पुन: स्थापित करने के उद्देश्य से टी-3 को 6 दिसम्बर को पेंच टाइगर रिजर्व से पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भेजा गया था। इसके पहले पन्ना में 3 और 6 मार्च को 2 बाघिन टी-1 और टी-2 को क्रमश: बाँधवगढ़ और कान्हा से लाया गया था लेकिन टी-3 बाघ पन्ना में बसने के बजाए उद्यान से निकल गया। उसे बड़ी मशक्कत के बाद बेहोश कर पुन: 25 दिसंबर को पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों-कर्मचारियों की रात-दिन की कड़ी मेहनत, सतत निगरानी और स्थानीय लोगों का सहयोग रंग लाया।

बाघ टी-1 ने पहली बार 16 अप्रैल 10 को 4 शावकों को दिया जन्म

बाघ टी-1 ने पहली बार 16 अप्रैल, 2010 को 4 शावकों को जन्म देकर वन्य-प्राणी जगत में पन्ना टाइगर रिजर्व का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा दिया।

तब किए थे अनुभव साझा, अब करेंगे वॉक

श्री मूर्ति ने बताया कि सफल दशक पूर्ण होने पर पहला कार्यक्रम 5 नवंबर 2019 को पन्ना टाइगर रिजर्व में मनाया गया। इसमें लोगों ने बाघ पुन:स्थापना में शामिल होकर अपने अनुभव साझा किए। पार्क प्रबंधन ने विशेष सहयोग के लिये पन्ना, बुंदेलखण्ड और बघेलखण्ड के लोगों को खासतौर से धन्यवाद दिया। टी-3 द्वारा अपनाए गए रास्ते पर 20 से 26 दिसंबर तक बाघ प्रेमियों और संरक्षकों द्वारा वॉक की जाएगी।

प्रतिभागी 19 दिसंबर को पन्ना टाइगर रिजर्व में करेंगे रिपोर्ट

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के ये प्रतिभागी 19 दिसंबर को पन्ना टाइगर रिजर्व में रिपोर्ट करेंगे। बीस दिसंबर को 12 किलोमीटर लम्बे देवरादेव, गेहारीघाट और टी-3 ग्रेट स्केप पाइंट, 21 को 10 किलोमीटर लम्बे माटीपुरा, राजपुरा और टी-3 फाइनल स्केप पाइंट, 22 को 10 किलोमीटर के पहले पग मार्क मिलने वाले कॉरिडोर पर, 23 को 10 किलोमीटर लम्बे सगुनि जंगल, 24 को 15 किलोमीटर के पातरीकोटा, जहाँ से बाघ को वापस लाए थे और 25 दिसंबर को 10 किलोमीटर लम्बे गन्ने के खेत, जहां से टी-3 को पुन: टाइगर रिजर्व लाया गया था, जहां पर वॉक होगा।

खमनी तालाब पर अपने अनुभव करेंगे साझा

26 दिसंबर को प्रतिभागी पन्ना टाइगर रिजर्व के खमनी तालाब पर अपने अनुभव साझा करेंगे। दोबारा पार्क पहुँचने पर टी-3 को यहीं छोड़ा गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *