मानव अधिकार में दुरुपयोग के चलते भारतीय संस्कृति हो रही प्रदूषित : डॉ. तिवारी

🔳 अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद द्वारा मानव अधिकार दिवस पर हुई परिचर्चा

हरमुद्दा

रतलाम, 10 दिसंबर। विचारों में शुद्धता की वर्तमान परिपेक्ष में आवश्यकता है। मानव अधिकार में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका दुरुपयोग ज्यादा हो रहा है। इस कारण भारतीय संस्कृति प्रदूषित हो रही है।

यह विचार विधि महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अनुराधा तिवारी ने व्यक्त किए। डॉ. तिवारी मंगलवार को अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद द्वारा मानव अधिकार दिवस पर आयोजित परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थीं।

अश्लीलता के कारण सामाजिक ताने-बाने में हो रहा परिवर्तन

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अभिभाषक संघ के नवीन सभागृह में हुई परिचर्चा में डॉ. तिवारी ने कहा कि मी टू जैसे अभियान में शामिल होने से भारतीय संस्कृति को नुकसान पहुंचा है। यदि किसी भी व्यक्ति के साथ अत्याचार हुआ है तो भारतीय कानून में दंड का प्रावधान है। वर्तमान दौर में अश्लीलता को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कारण सामाजिक ताने-बाने में परिवर्तन हो रहा है। भारत में अव्यक्तता के साथ अपराध में वृद्धि हो रही है।

महत्ता पर डाला प्रकाश

प्रारम्भ में अधिवक्ता परिषद के नव मनोनीत अध्यक्ष सतीश त्रिपाठी ने मानव अधिकार दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला। परिचर्चा में जिला अभिभाषक संघ उपाध्यक्ष राजीव ऊबी, सह सचिव विकास पुरोहित विशेष रूप से उपस्थित थे। परिचर्चा का संचालन महामंत्री समरथ पाटीदार ने किया।

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