तृतीय श्रेणी दैनिक वेतनभोगियों की अधिकतम सेवा अवधि हुई 62 वर्ष

🔳 अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों की अधिवार्षिकी आयु हुई 65 वर्ष

🔳 मंत्रि-परिषद के निर्णय

हरमुद्दा
भोपाल, 12 दिसंबर। मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में तृतीय श्रेणी दैनिक वेतन भोगियों/स्थायी कर्मियों की सेवा में कार्य करने की अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष और अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में अनुदानित पदों पर कार्यरत शिक्षकों की अधिवार्षिकी आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है।

मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन की सीधी भर्ती के वर्दीधारी पदों के लिए न्यूनतम तथा अधिकतम आयु सीमा का निर्धारण करने संबंधी निर्णय भी लिया है।

खुली प्रतियोगिता से सीधी भर्ती 

अब प्रदेश में खुली प्रतियोगिता से सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों के अन्तर्गत न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 33 वर्ष होगी। महिला आवेदकों (अनारक्षित वर्ग) तथा आरक्षित वर्ग के पुरूष/महिला आवेदकों और शासकीय/निगम/मण्डल/स्वशासी संस्था के कर्मचारियों तथा नगर सैनिकों के लिए मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से भरे जाने वाले वर्दीधारी राजपत्रित/अराजपत्रित/कार्यपालिक पदों के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयुसीमा में 5 वर्ष की छूट के साथ 38 वर्ष होगी। इसी प्रकार, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के वर्दीधारी पदों के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट के साथ 38 वर्ष होगी।

अतिथि विद्वानों को पुनरू कार्य पर रखने के लिए होगी नीति निर्धारित

मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि अतिथि विद्वानों को वर्तमान में रिक्त और भविष्य में स्वीकृत होने वाले पदों के विरूद्ध पुनरू कार्य पर रखने के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नीति निर्धारित की जाए। वर्ष 2022 तक की चयन प्रक्रियाओं में अतिथि विद्वानों को वरीयता अंक और आयु सीमा में छूट के लिए मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) भर्ती नियम 1990 में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।

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