पर्यावरण प्रेम के साथ-साथ उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम भी देता है खेड़ीकला का स्कूल
हरमुद्दा
रतलाम, 13 दिसंबर। जिले के सैलाना विकासखंड के ग्राम खेड़ीकला का मिडिल स्कूल पर्यावरण प्रेम के साथ-साथ उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम भी प्रतिवर्ष देता है। स्कूल की कक्षा आठवीं का परीक्षा परिणाम हर साल शत-प्रतिशत आता है। साथ ही स्कूल के चारों ओर विद्यार्थियों द्वारा पर्यावरण प्रेम रखते हुए 100 से भी ज्यादा विभिन्न प्रजातियों के वृक्ष लगाए हैं।
पौधे ले चुके हैं वृक्ष का आकार
विद्यार्थियों ने ना केवल पौधे लगाए हैं बल्कि विगत दो-तीन सालों से सुव्यवस्थित ढंग से देखभाल कर उनको बड़ा भी कर दिया है। विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए पौधे और वृक्षों का आकार ग्रहण कर चुके हैं इसके लिए विद्यार्थियों ने बड़ी मेहनत की है। उनके द्वारा स्कूल परिसर में चारों ओर नीम, पीपल, आम आदि पौधे लगाए गए थे। पौधे लगाने के बाद बड़ी मेहनत से उनकी देखभाल की, दूर से पानी लाकर पौधों को सींचा गया। इसके साथ ही स्कूली विद्यार्थियों ने गेंदे के फूलों के भी पौधे बड़ी संख्या में लगाए हैं जिससे स्कूल परिसर में गेंदा फूलों से वातावरण सुंदर और मनमोहक हो उठा है।
प्रतिभा पर्व के दौरान किया प्रभावित
प्रतिभा पर्व के अवसर पर मूल्यांकन के लिए कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी पीके गोगादे तथा जिला सलाहकार आनंद व्यास जब गतदिनों खेड़ीकला स्कूल पहुंचे तो स्कूल के शैक्षणिक वातावरण के साथ-साथ सुंदर पर्यावरण से भी प्रभावित हुए। उन्होंने स्कूल स्टाफ तथा विद्यार्थियों की लगन और मेहनत की सराहना की।
हर मौसम में उत्साह से आते हैं बच्चे स्कूल
स्कूल में शत-प्रतिशत आदिवासी बच्चे पढ़ने आते हैं। दूर-दूर तक उनके घर होने के बावजूद यह आदिवासी बच्चे स्कूल प्रतिदिन उत्साह के साथ आते हैं, चाहे बरसात हो, सर्दी हो या गर्मी। स्कूल की कक्षा आठवीं की विद्यार्थी सविता खदेड़ा तो गत वर्ष मात्र एक ही दिन स्कूल नहीं आई, बाकी पूरे शैक्षणिक सत्र में वह नियमित रूप से रोजाना स्कूल में उपस्थित रही। उसके साथ ही नानी कटारा 98 प्रतिशत दिन और नर्मदा कटारा भी 99 प्रतिशत दिन उपस्थित रही।
पढ़ाई के साथ खेलों में भी रुचि
पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल में विद्यार्थी खेलों में भी पूरी रुचि के साथ हिस्सा लेते हैं वे नियमित रूप से केरम, बैडमिंटन, क्रिकेट आदि खेलों में हिस्सा लेते हैं। सांस्कृतिक गतिविधियां भी चलती रहती हैं, बालिकाएं सुंदर रंगोली बनाती हैं।
कमजोर तबके के हैं विद्यार्थी
खेड़ीकला स्कूल में आने वाले सभी बच्चे कमजोर, मजदूर परिवारों के होते हुए भी अपनी पढ़ाई के प्रति गंभीर हैं, उतनी ही गंभीरता के साथ स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकगण लोकेंद्र वर्मा, सुनीता नरवरिया तथा सुश्री भूरी चंद्रावत भी बच्चों के साथ उनकी पढ़ाई के लिए मेहनत करते हैं। शिक्षकों ने बच्चों के सामान्य ज्ञान के लिए स्कूल कक्षाओं में सुंदर तरीके से सामान्य ज्ञान का चित्रण किया है।