किसानों को एक दिन पहले सूचित करें ताकि वह डॉक्यूमेंट के साथ बैंक में आएं : कलेक्टर

🔳 कलेक्टर पहुंची सैलाना सहकारी बैंक में

🔳 ऋण माफी के लिए गुलाबी आवेदनों के निपटारे का किया निरीक्षण

रतलाम, 21 दिसंबर। कलेक्टर रुचिका चौहान शनिवार को सैलाना पहुंची। निरीक्षण में कलेक्टर ने सहकारी बैंक सैलाना शाखा के प्रबंधक को निर्देश दिए कि जिन किसानों को शाखा में बुलाया जाना है उनको 1 दिन पूर्व कॉल किया जाए ताकि किसान अपने डॉक्यूमेंट की तैयारी के साथ शाखा में आ सके। शाखा में कार्य की गति धीमी थी, कलेक्टर द्वारा तेजी से कार्य के निर्देश शाखा प्रबंधक को दिए गए।

कलेक्टर ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत पिंक 1, पिंक 2 आवेदनों के निपटारे की कार्रवाई देखी। जिले में योजना के प्रथम चरण में शेष रहे गुलाबी आवेदनों के निपटारे की कार्रवाई तेजी से की जा रही है। इस कार्य को आगामी 15 जनवरी तक पूर्ण कर लिया जाकर प्रथम चरण के शेष किसानों को ऋण माफी लाभ दिया जाएगा।

15 जनवरी तक करें प्रकरणों का निराकरण

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सैलाना की सहकारी बैंक शाखा में 800 से ज्यादा उन गुलाबी आवेदनों का निपटारा चल रहा है जो प्रथम चरण में निराकृत होने से बचे हैं। इस कार्य के लिए आगामी 15 जनवरी की समय सीमा पूरे जिले में तय की गई है। इसके बाद प्रथम चरण के बचे किसानों को भी ऋण माफी लाभ मिल जाएगा। जो किसान अपरिहार्य कारणों से बैंक शाखा नहीं आ पाएंगे, उनके लिए जनपद पंचायतों में कैंप भी लगाए जाएंगे वहां उनके गुलाबी आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। सहकारी बैंको के साथ ही राष्ट्रीयकृत एवं ग्रामीण बैंको द्वारा भी पिंक 1, पिंक 2 आवेदनों का निराकरण करने हेतु किसानो को बैंक शाखा में मय दस्तावेज बुलाया जा रहा है।

नियमों के तहत बैंक के करेगी निराकरण

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कलेक्टर ने सैलाना शाखा में निरीक्षण के दौरान पिंक 1, पिंक 2 आवेदनों का निराकरण देखा, संबंधित पंजी का निरीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि पिंक 1 के तहत वे प्रकरण है जो संबंधित बैंक के द्वारा मूल जानकारी के समय उपलब्ध नहीं कराए गए थे परंतु हितग्राही द्वारा यहां आपत्ति कराई गई कि उसके नाम से बैंक ऋण है। इन प्रकरणों में भी हितग्राही के आवेदन पर बैंक द्वारा उत्तर दिया जाना है। इसी प्रकार पिंक 2 में आवेदन वर्गीकृत होने के मुख्य कारण जैसे मूल आवेदक की मृत्यु हो जाना, संबंधित हितग्राही के आधार नंबर उपलब्ध ना होना, किसी राशि पर आवेदक द्वारा कोई आपत्ति उठाई जाना इत्यादि शामिल है । इसका निराकरण संबंधित बैंक अपने नियमों के तहत करेगी।

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