पसंद को उमंग और दबंग तरीके से दी जोशीली प्रस्तुतियां
🔳 पैरामाउंट पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल में हुआ वार्षिकोत्सव
🔳 200 से अधिक विद्यार्थियों ने आकर्षक 18 प्रस्तुतियां
🔳 अतिथियों ने कहा कर्म करते रहना ही मनुष्य की नियति है
हरमुद्दा
रतलाम, 5 जनवरी। गुनगुनी धूप और हल्की ठंडी हवा के बीच हर उम्र के विद्यार्थियों ने अपनी पसंद को उमंग के साथ दबंगता से जोशीले भाव में जब मंच पर प्रस्तुतियां दी तो विद्यार्थियों ने करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन किया। 200 से अधिक विद्यार्थियों ने 18 प्रस्तुतियां देकर खूब दाद बटोरी। मंचासीन अतिथियों ने लक्ष्य प्राप्ति के लिए लगातार कर्म करने का सबक विद्यार्थियों को सिखाया।
रविवार को सैफी नगर स्थित पैरामाउंट पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल में वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया उत्सव के मुख्य अतिथि कवि, चिंतक, साहित्यकार प्रोफेसर अजहर हाशमी थे। अध्यक्षता डीएसपी भूपेंद्र सिंह राठौर ने की। विशेष अतिथि के रूप में उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुभाष कुमावत मौजूद थे। अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर वार्षिकोत्सव का शुभारंभ किया।
किया अतिथियों का स्वागत
अतिथियों का स्वागत ध्यान पाल सिंह जादौन, विद्यालय के प्राचार्य रेखा सिंह जादौन, कुलदीप सिंह, धर्मपाल चौहान, पूनम शर्मा, गायत्री शर्मा, हितेश मेवाती, मंजू भाटी, शशि कला उपाध्याय, प्रियंका सालवी, कृष्णा सालवी, माया लोहार, निशा गिरी, कजरी राठौर, सोनाली शर्मा आदि ने किया। कार्यक्रम का संचालन राकेश सिंह जादौन व कुलदीप सिंह ने किया। आभार प्राचार्य रेखा सिंह जादौन ने माना
गणेश वंदना से शुरुआत
अतिथियों के समक्ष मंच पर विद्यार्थियों ने गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। वेलकम सांग, ढोलीडा, आर्मी सांग मेरा जूता है जापानी पैरोडी सांग, घूमर सांग, बापू सेहत के लिए पैरोडी सांग, राजस्थानी पैरोडी रंगीलो म्हारो ढोलना, आदिवासी नृत्य, चार चार बंगड़ी राजस्थानी पैरोडी, मुकाबला मुकाबला डांस प्रस्तुत किया। छोटे-छोटे बच्चों ने आज संडे है मौज मनाओ, बाला बाला, बेटियां, चंदा चमके चम चम गीतों पर डांस किया तो बच्चों को मंच पर प्रस्तुतियां देख अभिभावक भावुक हो गए। उपस्थित विद्यार्थियों एवं अभिभावकों ने करतल ध्वनि से आयोजन की सराहना की।
उपस्थितों को दिया जागरूकता का संदेश
विद्यार्थियों ने शिक्षाप्रद नाटक “से नो टू प्लास्टिक” का प्रभावी मंचन कर उपस्थितों को जागरूकता का संदेश दिया।
कर्म करते रहिए मिलेगी सफलता
सभी विद्यार्थियों को अपने कर्म इमानदारी से करना चाहिए। बच्चों का कर्म है पढ़ना तो उन्हें मन लगाकर अध्ययन करना चाहिए। जो इस कार्य में पिछड़ जाता है, वह दुनिया की दौड़ में आगे नहीं बढ़ पाता। सभी को अपने अपने कर्म करते रहना चाहिए, तभी सफलता मिलती है। यदि स्कूल दिल है तो प्राचार्य उसकी आत्मा है। शिक्षक -शिक्षिकाएं उसकी नस हैं तो बच्चों का सांस्कृतिक उत्सव उसकी धड़कन है। धड़कन के बिना शरीर कुछ भी नहीं होता।
🔳 अजहर हाशमी, कवि, चिंतक व साहित्यकार
स्कूल का आईना होता है सांस्कृतिक उत्सव
शिक्षण के साथ विद्यार्थियों छिपी प्रतिभाओं को संस्कार से निखारने का कार्य शिक्षक द्वारा ही किया जाता है। सांस्कृतिक उत्सव में प्रतिभाएं निखर कर सामने आती है। स्कूल का आईना सांस्कृतिक उत्सव ही है।
🔳 सुभाष कुमावत, प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय, रतलाम
सोच और विचार में बदलाव से मिलता है लक्ष्य
जीवन में चाहे कितनी भी बाधाएं आए रुकना नहीं है हमेशा चलते रहे तभी लक्ष्य की पूर्ति संभव होगी लक्ष्य हमेशा बड़ा रखना चाहिए। सोच और विचार बदलाव के दम पर ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है यह निरंतर प्रयासरत रहने जरूरी है।
🔳 भूपेंद्र सिंह राठौर, डीएसपी, रतलाम