पर्यावरण की संजीदगी में मिले रतलाम इंदौर को आईएसओ प्रमाण पत्र
🔳 कार्यक्रमों और नीतियों का मिला प्रतिफल
हरमुद्दा
रतलाम, 10 जनवरी। पर्यावरण के प्रति संजीदगी को लेकर रतलाम तथा इंदौर स्टेशन को आईएसओ प्रमाण पत्र मिला है। कई वर्षों से जारी सकारात्मक कार्यक्रम एवं नीतियों का प्रतिफल है कि पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल को नवाजा गया है।
मंडल रेल प्रवक्ता ने बताया कि पिछले वर्षों में निरंतर कई सकारात्मक कार्यक्रम एवं नीतियों से यह विदित होता है कि भारतीय रेलवे वह संगठन है जो कि पर्यावरण को लेकर काफी संजीदा हे। पर्यावरण प्रबन्धन सिस्टम के सेट अप के लिये आई.एस.ओ. 14001:2015 अन्तरराष्ट्रीय मान्य स्टेंण्डर्ड है। यह संगठनों को संसाधनों के प्रभावी एवं कम से कम व्यर्थ कर उनके उपयोग से पर्यावरण प्रबन्धन निष्पादन को प्रभावी व ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुँचाता है।
कई मुद्दों को नियंत्रित करने में हुआ सहायक साबित
पर्यावरण प्रबन्धन सिस्टम संगठन को उनके पर्यावरण सम्बंधी मुद्दों को समझने, प्रबन्धन करने, मॉनिटर करने एवं उसे नियंत्रित करने में अत्यन्त सहायक साबित होता है। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड ने एन.जी.टी. के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए आई.एस.ओ. 14001:2015 प्रमाणीकरण करने के लिए पत्र जारी किया है।
डीआरएम को दिया प्रमाण पत्र
एन.जी.टी. के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए रतलाम एवं इंदौर स्टेशन जो कि पर्यावरण एवं हाउसकिपिंग प्रबंधन विंग रतलाम मंडल के अधीन है, का आई.ए. एफ. से अधीकृत फर्म मेसर्स ई.के.आई. एनर्जी लिमिटेड इंदौर से ऑडिट करवाया गया एवं दो स्टेशन पर आई.एस.ओ. 14001:2015 ई.एम.एस. प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है। इन स्टेशनों के लिए पर्यावरण निष्पादन में वेस्ट में कमी करने, उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी उपयोग एवं प्रतियोगी लाभ प्राप्त करने संबंधी प्रभावी परिवर्तन करते हुए 30 दिसम्बर 2019 को आई.एस.ओ 14001:2015 प्रमाणपत्र जारी किया गया है। पर्यावरण एवं हाउसकिपिंग प्रबंधन विंग द्वारा इस दिशा में उल्लेखनिय कार्य किया गया है। विधिक जरुरतों की अनुपालना आई.एस.ओ. 14001:2015 के लिए आवश्यक एवं लगातार सुधार हेतु वचनबद्ध है। 09 जनवरी को मंडल रेल प्रबंधक विनीत गुप्ता को आई.एस.ओ. 14001:2015 प्रमाण पत्र संबंधित फर्म के प्रतिनिधि द्वारा प्रदान किया गया।
यह थे मौजूद
इस दौरान अपर मंडल रेल प्रबंधक केके सिन्हा, कमल सिंह चौधरी वरिष्ठ मंडल याँत्रिक इंजीनियर मौजूद थे।