सोच ही सौभाग्य है, सोच ही दुर्भाग्य : पुलक सागर जी महाराज

हरमुद्दा
रतलाम, 11 फरवरी। किसी के घर में स्वर्ग है, तो किसी के घर में नर्क है। इसका कारण सिर्फ सोच है। सोच ही हमारा सौभाग्य है और सोच ही हमारा दुर्भाग्य है। दुनिया मे रहने वालों की यदि सोच बदल जाए,तो दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलते देर नहीं लगेगी।

यह बात आचार्य पुष्पदंत सागरजी महाराज के यशस्वी शिष्य, राष्ट्रसंत आचार्य श्री 108 श्री पुलक सागर जी महाराज ने कही। वे गोशाला रोड स्थित आचार्यश्री सम्मति सागर त्यागी भवन (साठ घर का नोहरा) में धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन में सोच ही सब कुछ कराती है। कोई व्यक्ति सोचता है, उसे व्यापार करना है। कोई व्यक्ति सोचता है, सर्विस करना है। कोई व्यक्ति सोचता है, इंजीनियर बनना है और कोई व्यक्ति सोचता है कि सीए बनना है। यह सब उसकी सोच है। सोच में ही व्यक्ति सुखी और दुखी होता है। यदि व्यक्ति सोचें कि मैं सुखी हूं, तो सुखी रहेगा और यदि सोचता है कि मैं दुखी हूं, तो दुखी रहेगा। कोई भी एक-दूसरे को सुखी नहीं करता। सुख और दुख हमारी सोच पर ही निर्भर करते हैं। इसलिए सोच बदलना ही जीवन बदलने का काम है।

सोच बदलो तो जीवन में सब कुछ अच्छा लगेगा

आचार्यश्री ने कहा हमारा पूरा जीवन सोच पर टिका है। सोच बदलो तो जीवन में सब कुछ अच्छा लगेगा। सोच हमारे दृष्टिकोण पर टिकी है। व्यक्ति को किसी से प्यार हो, तो उसकी बुराई भी अच्छी लगेगी। लेकिन किसी से नफरत है, तो अच्छाई भी बुरी लगती है। इसलिए किसी व्यवस्था को बदलने के बजाए सिर्फ सोच बदली जाए, तो सब ठीक होता है।

तो भविष्य में होगा सब कुछ अच्छा

आचार्य श्री ने जैन और जैनी बनने में अंतर बताते हुए कहा कि जैन वह है, जो भगवान को मानते हैं और जैनी वह होते हैं, जो भगवान की मानते हैं। मोक्ष प्राप्ति के लिए नियम,धर्म,तपस्या से अधिक सोच को बदलना जरूरी है। सोच बदलती है, तो सबकुछ अच्छा होता है। उन्होंने कहा कि भगवान की कृपा से मनुष्य जीवन एवं जैन कुल मिला है। पिछले जन्म में अच्छा किया, तो यह हुआ है। इस जन्म में भी कुछ अच्छा कर लो, तो भविष्य में सबकुछ अच्छा होगा। धर्मसभा का संचालन कमलेश पापरीवाल ने किया।

किया साल श्रीफल से सम्मान

मुनिश्री पुलकसागरजी सेवा समिति ने पूना से पधारी
माणिक चंद गुटका की प्रबंध संचालिका शोभा ताई का शाल व श्रीफल से सम्मान किया।समिति के संरक्षक चन्द्रप्रकाश पांडे, अध्यक्ष राजेश जैन भुजिया वाला, सचिव अभय जैन सहित बड़ी संख्या में धर्मालुजन मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *