श्री विरुपाक्ष महादेव मंदिर बिलपांक में 77 वां महारुद्र यज्ञ 19 से

🔲 मंगलवार को हुआ हेमाद्री स्नान

🔲 बुधवार को होगा अग्नि प्रवेश

हरमुद्दा
रतलाम, 18 फरवरी। अति प्राचीन श्री विरुपाक्ष महादेव मंदिर में 77 वां महारुद्र यज्ञ 19 फरवरी से शुरू होगा। मंगलवार को हेमाद्री स्नान हुआ। बुधवार को अग्नि प्रवेश के साथ यज्ञ शुरू होगा। धार्मिक आयोजन के तहत।  रामलीला भी होगी।

महारुद्र यज्ञ मेला कमेटी बिलपांक जिला रतलाम के बैनर तले दशकों से चल रहे श्री महारुद्र यज्ञ के आचार्य पंडित दुर्गाशंकर ओझा ने बताया कि 19 फरवरी को सुबह 11:30 बजे अग्नि प्रवेश करवाया जाएगा। तत्पश्चात यज्ञ की शुरुआत होगी। 21 फरवरी को महाशिवरात्रि उत्सव पर भगवान विरुपाक्ष महादेव की शाही सवारी रात्रि 8:00 निकाली जाएगी। 23 फरवरी रविवार अमावस्या को 10:00 बजे पूर्णाहुति होगी और गंगाजल यात्रा निकलेगी। मंगलवार को मुख्य यजमान का हेमाद्री स्नान हुआ। इसके तहत 10 विध स्नान करवाए गए।

खीर प्रसादी का वितरण 12:00 बजे बाद

पुत्र प्राप्ति की अभिलाषा में महिलाओं को पूर्णाहुति के बाद रविवार को खीर की प्रसादी का वितरण किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि यज्ञ नारायण की खीर का सेवन करने से महिलाओं को पुत्र की प्राप्ति होती है।

भव्यता के लिए विख्यात विरुपाक्ष महादेव मंदिर

उल्लेखनीय है कि प्राचीन श्री विरुपाक्ष महादेव मंदिर अपनी भव्यता के लिए विख्यात है। मंदिर प्राचीन वास्तु एवं शिल्प कला का प्रत्यक्ष उदाहरण है जो 64 खंभों के सभागृह एवं गहरे गर्भ ग्रह से युक्त है। सभागृह का रास मंडल आज भी इंद्र की अलकापुरी की अप्सराओं को शर्मिंदा करती है। गणना विषयक एक विशेष भूलभुलैया यानी की गणना की पुनः गणना करने पर विविध योग प्रतीत होता है। उक्त मंदिर का जीर्णोद्धार गुजरात के राजा सिद्धराज जयसिंह द्वारा 1198 आषाढ़ सुदी दशमी को कराया गया था।

धर्मालुओं से शामिल होने का आह्वान

महारुद्र यज्ञ के दौरान धार्मिक रामलीला होती है। मेले का आयोजन भी होता है। अध्यक्ष एवं सकल पंच श्री विरुपाक्ष महारुद्र मेला कमेटी बिलपांक ने समस्त धर्मावलंबियों से आह्वान किया है कि आयोजन में भाग लेकर धर्मअनुरागी बने।

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