मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में अजीबो-गरीब फरमान, नसबंदी की लक्ष्य पूर्ति नहीं हुई तो दे दिया जाएगा वीआरएस, तूल पकड़ने पर हुआ वापस
🔲 पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा यह कांग्रेस का इमरजेंसी पार्ट 2
🔲 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भारद्वाज हुआ तबादला
🔲 विवादित आदेश को वापस लिया : जनसंपर्क मंत्री
हरमुद्दा
भोपाल, 21 फरवरी। जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक ने एक फरमान जारी कर प्रदेश के संभाग आयुक्त कलेक्टर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से कहा था कि प्रदेश के सभी कर्मचारी अधिकारी कम से कम एक व्यक्ति का नसबंदी करवाएं, अन्यथा उन्हें वीआरएस दे दिया जाएगा। विवादित आदेश ने तूल पकड़ा और महाशिवरात्रि के दिन कमलनाथ सरकार को आदेश वापस लेना पड़ा। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह तो कांग्रेस का इमरजेंसी पार्ट 2 है।
यह है मामला
दरअसल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक छवि भारद्वाज की ओर से 11 फरवरी को आदेश क्रमांक/एनएचएम/परिवार कल्याण/2020/87 जारी कर राज्य के सभी संभागीय आयुक्तों, जिला अधिकारियों, सीएमओ और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को भेजा गया था। साल 2019-20 में पुरुष नसबंदी की असंतोषजनक जाहिर करते हुए छवि भारद्वाज ने आदेश में पुरुष नसबंदी की गंभीरता से समीक्षा करने की अपील की थी।
मिशन के फरमान ने मचाया हड़कंप, संचालक पर गिरी तबादले की गाज
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को पुरुष नसबंदी के लक्ष्य पूरा ना करने पर वेतन में कटौती और अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फरमान दिया गया था। इसके साथ ही आदेश में लक्ष्य पूरा ना करने पर नो वर्क नो पे के आधार वेतन ना देने की बात कही गई थी। कर्मचारियों के लिए पांच से दस पुरुषों की नसबंदी कराना अनिवार्य किया गया है। इस फरमान ने प्रदेश में हड़कंप मचा दिया और नतीजतन प्रदेश सरकार को आदेश वापस लेना पड़ा। यहां तक कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक पर तबादले की गाज गिरी।
मध्यप्रदेश में अघोषित आपातकाल : पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
इस आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘मध्यप्रदेश में अघोषित आपातकाल है. क्या ये कांग्रेस का इमरजेंसी पार्ट-2 है? एमपीएचडब्ल्यू (Male Multi Purpose Health Workers) के प्रयास में कमी हो, तो सरकार कार्रवाई करे, लेकिन लक्ष्य पूरे नहीं होने पर वेतन रोकना सेवानिवृत्त करने का निर्णय, तानाशाही है।
शुक्रवार को एकदम बदला घटनाक्रम
शुक्रवार को विवादित आदेश पर घटनाक्रम एकदम बदला और तुरंत फुरत में मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने विवादित आदेश को वापस ले लिया। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि हम आदेश को वापस ले रहे हैं।
हम किसी को बाध्य भी नहीं करेंगे : स्वास्थ्य मंत्री
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि राज्य सरकार ने आदेश वापस ले लिया है। हम किसी को बाध्य नहीं करेंगे और हम आदेश का अध्ययन करेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक छवि भारद्वाज का तबादला कर दिया गया है। उन्हें सचिवालय में ओएसडी बनाया गया है।