फैजान हत्याकांड में आरोपी भाई-बहन दंडित

🔲 सोहेल को आजीवन कारावास

🔲 कश्मीरा को सात साल की कैद

हरमुद्दा
रतलाम,28 फरवरी। दस माह पूर्व रतलाम के राजेंद्र नगर-हाट रोड में हुए 5 वर्षीय बालक फैजान की हत्या और अप्राकतिक कृत्य के मामले में अभियुक्त सोहेल अंसारी व उसकी बहन कश्मीरा को जिला न्यायालय में शुक्रवार को सजा सुना दी गई। सोहेल को आजीवन कारावास जबकि कश्मीरा को सात साल की कैद भुगतना होगी।

जिला अभियोजन अधिकारी अनिल बादल ने बताया कि पास्को एक्ट के विशेष द्वितीय अपर न्यायाधीश साबिर अहमद खान ने दोनों आरोपियों को गुरुवार को दोष सिद्ध घोषित कर दिया था। उन्हें सजा 28 फरवरी को दोपहर बाद सुनाई गई। आरोपी सोहेल को धारा 302 में आजीवन कारावास एवं 5000 का अर्थदंड, पास्को एक्ट की धारा 5(एम)/6 में आजीवन कारावास एवं 5000 अर्थदंड, धारा 363 में 7 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000 अर्थदंड,धारा 201 में 7 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000 अर्थदंड, धारा 120बी में 7 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000अर्थदंड दिया गया है। इसी प्रकार कश्मीरा को 201 में 7 वर्ष सश्रम कारावास एवं1000 अर्थदंड, धारा 120 बी में 7 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000 अर्थदंड तथा धारा 176 में 6 माह कारावास एवं 500 रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया गया है।

खेलते समय लापता हो गया था फैजान

गौरतलब है कि 13 अप्रैल 2019 की शाम राजेन्द्र नगर-हाट रोड निवासी 5 वर्षीय बालक फैजान खेलते समय लापता हो गया था। काफी खोजबीन करने पर भी वह नहीं मिला था। परिजनों ने अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध अपहरण की रिपोर्ट थाना माणक चौक में दर्ज कराई थी। परिजन व पुलिस को खोजबीन के दौरान 23 अप्रैल की दोपहर फैजान का शव बोरे में बंधा हुआ अभियुक्त सोहेल अंसारी के घर के पास पीछे नाले में मिला था।

जांच में चला पता

मामले में पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच की, तो पाया कि फैजान की हत्या सोहेल अंसारी ने अप्राकृतिक कृत्य करने के पश्चात की और उसे घर में बुलाकर मुंह पर सेलो टेप चिपकाकर अप्राकृतिक कृत्य किया था। उसकी मौत होने पर शव को बोरे में बांधकर वाशिंग मशीन में छुपा दिया था। उसके बाद वह रतलाम से खंडवा शादी में शामिल होने चला गया था। पुलिस ने आरोपी सोहेल व उसकी बहन कश्मीरा को 4 मई 2019 को गिरफ्तार किया था। कश्मीरा पर हत्या में साक्ष्य छुपाने का आरोप था।

कश्मीरा की हो गई थी जमानत कुछ माह पहले

विगत कुछ माह पूर्व कश्मीरा की जमानत हो गई थी, जिसे न्यायालय ने दोषसिद्ध होने पर निरस्त करते हुए आरोपिया को जेल भेज दिया था। प्रकरण में शासन की पैरवी पास्को एक्ट की विशेष लोक अभियोजक सीमा शर्मा ने की।

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