कांग्रेस पर आया संकट करकरार, सुरेंद्र ने मांगा गृहमंत्री का पद

🔲 राजनीतिक संकट को सुलझा लेने का मुख्यमंत्री का दावा

हरमुद्दा
भोपाल,09 मार्च। मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार की ओर से बेशक मौजूदा राजनीतिक संकट को सुलझा लेने का दावा किया जा रहा है लेकिन हकीकत कुछ और ही है. बता दें कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाले चार विधायकों के बेंगलुरू के रिसॉर्ट में बीजेपी नेताओं के साथ जाने के बाद ये संकट सामने आया था। संकट अभी सुलझा नहीं है, इसका सबूत निर्दलीय विधायक सुरेंद्र शेरा ने दिया है।

शेरा बीते शुक्रवार को कांग्रेस के खेमे में लौट आए थे। समझा जाता है कि उनसे कैबिनेट मंत्री बनाने का वादा किया गया। लेकिन शेरा ने अब गृह मंत्री बनाए जाने की मांग कर कमलनाथ सरकार के लिए दिक्कत बढ़ा दी है।
शेरा से सोमवार को जब पूछा गया कि वो कौन सा मंत्रालय संभालना चाहेंगे तो उन्होंने कहा, “पुलिस को लोगों का मित्रवत बनाया जाना चाहिए और मैं ऐसा कर सकता हूं.”

साहू ने डील पर साधी चुप्पी

एक और नेता, कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल ने कांग्रेस नेतृत्व के साथ हुई डील पर चुप्पी साध रखी है. बिसाहू लाल को बेंगलुरू से राज्य के पर्यटन मंत्री हनी बघेल रविवार को लेकर लौटे थे। मंदसौर से कांग्रेस विधायक हरदीप डांग समेत दो कांग्रेस नेता अभी तक बेंगलुरू से नहीं लौटे हैं। डांग की ओर से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष, दोनों को भेजा जा चुका है।

अंदरूनी लड़ाई का नतीजा मौजूदा संकट

कांग्रेस ने बीजेपी के दो विधायकों के अपने साथ होने का संकेत दिया है। बीजेपी का आरोप है कि सरकार का मौजूदा संकट कांग्रेस पार्टी में राज्यसभा सीट के लिए अंदरूनी लड़ाई का नतीजा है। मध्य प्रदेश में राज्य सभा के लिए तीन सीटें भरी जानी हैं। इनमें एक-एक सीट कांग्रेस और बीजेपी को मिलना तय है, जबकि तीसरी सीट के लिए मुकाबला होगा। सुरेंद्र शेरा की ओर से गृह मंत्री बनाए जाने की मांग पर मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने उन्हें संयम बरतने और ज्यादा न उछलने के लिए कहा है।

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