शहर की सदियों से चली आ रही आदर्श होली का समय पर हुआ दहन
🔲 रंग पंचमी उत्सव मनाएंगे 14 मार्च को
🔲 16 मार्च को होगी शीतला सप्तमी की पूजन
हरमुद्दा
रतलाम, 9 मार्च। शहर में सुबह से शाम तक होली उत्सव को लेकर काफी उत्साह उमंग का वातावरण देखा गया। बच्चों ने रंग पिचकारी की खरीदारी की, वहीं होली सजाने के लिए लकड़ी एवं कंडों की भी खरीदी हुई। शहर की आदर्श होली डालुमोदी बाजार पर प्रदोष काल के दौरान पूजन कर जलाई गई।
देशभर के साथ प्रदेश और शहर में होली उत्सव की धूम नजर आई। सैकड़ों स्थानों पर होली सजाई गई। अधिकांश स्थानों पर लकड़ी का उपयोग अधिक किया गया, वहीं कंडे काफी कम संख्या में लगाए गए। शाम होते-होते सभी स्थानों पर होलिका सजाई गई।
शताब्दी से है आदर्श होली
शहर के डालुमोदी बाजार पर राजा महाराजा के समय से होली जलाई जा रही है जो कि एक आदर्श होली है। यहां पर कंडे की होली जलाई जाती है। वहीं ना कोई लाइट होती है। नहीं डीजे बजाए जाते हैं। परंपरागत तरीके से प्रदोष काल में पूजन कर होलिका दहन होता है। क्षेत्रवासी उत्साह उमंग के साथ शामिल होते हैं।
डालूराम जी को दे रखी थी मोदी की उपाधि
69 वर्षीय व्यापारी राधेश्याम मित्तल ने हरमुद्दा से चर्चा में बताया कि। यहां पर राजा महाराजा के समय से होली जलाई जा रही है। राज परिवार में डालु राम जी के यहां से किराना सामान जाता था। राजा साहब ने उन्हें मोदी की उपाधि दे रखी थी और होली सजाने का कार्य भी वही करते थे। परंपरा का निर्वाह पन्नालाल जी, देवीलाल जी, मांगीलाल जी, गोपाल जी, शंकर जी करते आए हैं। होली पर्व पर क्षेत्र की महिलाएं दिनभर उपवास रखती है तथा होली दहन के पश्चात भोजन ग्रहण करती है। इसलिए शताब्दियों से यहां पर प्रदोष काल में होली का पूजन कर होली समय पर जलाई जाती है। यहां पर होली सजाने के नाम पर एक बल्ब भी नहीं जलाया जाता है और ना ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग होता है। इसलिए शहर की यह आदर्श होली मानी जाती है।
शीतला सप्तमी उत्सव 16 मार्च को
पंडित दुर्गाशंकर ओझा ने बताया कि धुलेंडी का पर्व 10 मार्च को मनाया जाएगा। रंग पंचमी उत्सव 14 मार्च को परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा। वहीं शीतला सप्तमी उत्सव के तहत माताजी का पूजन 16 मार्च को किया जाएगा। साथ ही दशा माता पूजन 19 मार्च को होगा।