सियासी घमासान 6 घंटे बाद ही बदला घटनाक्रम, राज्यपाल ने दिए मुख्यमंत्री को निर्देश, 17 को दें फ्लोर टेस्ट

हरमुद्दा

भोपाल, 16 मार्च। सोमवार को सुबह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जब विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित करने की बात कही। उसके बाद बवाल और मच गया। अब तो राज्यपाल ने दिल से ले लिया है। यह उनका सरासर अपमान है। राज्यपाल ने शाम को 5 बजे मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश दिए। यदि ऐसा नहीं किया तो माना जाएगा कि सरकार बहुमत खो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने जब सोमवार को सदन की कार्रवाई 26 मार्च तक स्थगित कर दी तो यह लगने लगा कि फ्लोर टेस्ट कुछ दिनों के लिए टल गया है, लेकिन 6 घंटे बाद ही घटनाक्रम बदल गए। सुबह 11 बजे बाद विधानसभा की कार्रवाई स्थगित हुई।

भेजा एक पत्र और मुख्यमंत्री को

राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पेज का पत्र लिखकर कहा- ‘आप 17 मार्च को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराएं और बहुमत साबित करें, अन्यथा यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है। राज्यपाल की तरफ से मुख्यमंत्री को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए दूसरी बार कहा गया है। इससे पहले राज्यपाल ने 14 मार्च को कमलनाथ से कहा था कि वे 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराएं।

इस बात से हुए नाराज

हालांकि, रविवार रात कमलनाथ ने उनसे मुलाकात की और बताया कि सोमवार को फ्लोर टेस्ट नहीं होगा। बताया जाता है कि इस बात से राज्यपाल नाराज थे।

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औचित्य और आधार नहीं था फ्लोर टेस्ट नहीं देने का

सोमवार शाम कमलनाथ को लिखे पत्र में राज्यपाल टंडन ने कहा कि यह खेद की बात है कि आपने मेरे द्वारा आपको दी गई समयावधि में अपना बहुमत सिद्ध करने की बजाय पत्र लिखकर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने में अपनी असमर्थता व्यक्त की/आनाकानी की, जिसका कोई भी औचित्य और आधार नहीं है। आपने फ्लोर टेस्ट नहीं कराने के जो कारण दिए हैं, वे आधारहीन और अर्थहीन हैं।

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