साहित्य सरोकार : हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति ने किया ‘लोगों का काम है कहना’ का विमोचन
⚫ विस्मयकारी है संजय द्विवेदी की सृजन सक्रियता: प्रो. चौबे
⚫ द्विवेदी के व्यक्तित्व को नए ढंग से खोलते हैं लेख : कुलपति सिंह
⚫ प्रसिद्ध कलमकारों के लेख हैं शामिल
हरमुद्दा
वर्धा (महाराष्ट्र), 5 अक्टूबर। वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया प्राध्यापक प्रो. संजय द्विवेदी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक ‘लोगों का काम है कहना’ का विमोचन महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो.केके सिंह ने किया।
पुस्तक का संपादन लोकेंद्र सिंह ने किया है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डीन प्रो.फरहद मलिक, जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो.कृपाशंकर चौबे, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष प्रो.पवित्र श्रीवास्तव, डॉ. राजेश लहकपुरे, डॉ. रेणु सिंह उपस्थित थे।
द्विवेदी की सृजन सक्रियता विस्मयकारी
पुस्तक के भूमिका लेखक प्रो.कृपाशंकर चौबे ने इस अवसर पर कहा कि”श्री द्विवेदी की सृजन सक्रियता विस्मयकारी है। इस संग्रह की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उनके संपूर्ण रचना संसार का अद्यतन परिचय मिल जाता है। लोकेंद्र सिंह ने प्रो.संजय द्विवेदी की लिखी और संपादित लगभग सभी पुस्तकों की समीक्षा की है।”
द्विवेदी के व्यक्तित्व को नए ढंग से खोलते हैं लेख : कुलपति सिंह
कुलपति प्रो. केके सिंह ने कहा कि “किताब में शामिल लेख संजय द्विवेदी के व्यक्तित्व को नये ढंग से खोलते हैं। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक के रूप उनके कार्यों और पत्रकारीय व्यक्तित्व का मूल्यांकन इस पुस्तक के बहाने सामने आ सका है।” इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं को पुस्तक की प्रति भी भेंट की गई।
पुस्तक में इनके लेख है शामिल
पुस्तक का प्रकाशन यश पब्लिकेशंस, दिल्ली ने किया है। पुस्तक में सर्वश्री गिरीश पंकज, प्रो. प्रमोद कुमार, डॉ. सी जयशंकर बाबु, प्रो.पवित्र श्रीवास्तव, यशवंत गोहिल, बीके सुशांत, डॉ. घनंजय चोपड़ा, डॉ. शोभा जैन, दीपा लाभ, आनंद सिंह, मुकेश तिवारी और डॉ. पवन कोंडल के लेख शामिल हैं ।