एक जुनून ऐसा भी, उम्र में छोटे मगर जुटाई हिम्मत, किया अनुकरणीय काम

मुश्किल घड़ी में बने हुए मददगार

पता चला कि तीन व्यक्तियों की बचेगी जान

जीवन पर्यंत करते रहेंगे ऐसा काम

हरमुद्दा के लिए गोविंद काकानी
रतलाम, 5 अक्टूबर। मदद ली, याद रखा, हिम्मत जुटाई, परेशान किया और  1 वर्ष पश्चात जन्मदिन पर रक्तदान किया। मुश्किल घड़ी में जब वे मददगार बने, तब लिया था संकल्प। जीवन पर्यंत ऐसा काम करने का बना लिया प्रकल्प।

जी हां दोस्तों बात कर रहा हूं नए रक्तदाता राहिल खान की, जिन्होंने एक वर्ष पूर्व दादाजी स्वर्गीय शेख पान खान सेवानिवृत्त सहायक अभियंता मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के लिए दुर्लभ समूह का रक्त समाजसेवी काकानी द्वारा मुश्किलों में दिलवाया था। उन्होंने इस बात को याद रखा।

जन्मदिन दिन पर किया रक्तदान

उम्र में छोटे परंतु हिम्मत जुटाई और 2 दिन से लगातार मोबाइल कर परेशान करते हुए कहा आपसे काम है और अंत में जन्मदिन 4 अक्टूबर को अपनी इच्छा प्रकट की। मेरी उपस्थिति में परिवार सदस्य बहन सलमा खान के साथ पहुंचकर, जिला चिकित्सालय रतलाम में पहली बार रक्तदान किया।

तब हुई उन्हें प्रसन्नता

रक्तदान करते हुए राहिल खान ने बताया कि  मुझे  काकानी जी से जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरे रक्त से तीन व्यक्तियों की जान बचेगी। रक्तदान करने वाले को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। जिंदगी भर के लिए परिवार उसका गुणगान करता है। मुझे आज आपकी उपस्थिति में रक्तदान करके बहुत अच्छा लग रहा है और अब लगातार रक्तदान करता रहूंगा।

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