हो सकता है ऐसा : मुख्यमंत्री के साथ सभी विधायक दे दें सामूहिक इस्तीफे, तो नहीं होगी शक्ति परीक्षण की जरूरत
🔲 मुख्यमंत्री ने बुलाई आज दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस
🔲 मगर नहीं मिला मुख्यमंत्री को शक्ति परीक्षण का और समय
हरमुद्दा
भोपाल, 20 मार्च। ध्यप्रदेश में चल रहे सियासी घमासान का अंत नजर आने लगा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद शुक्रवार को होने वाले बहुमत परीक्षण से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर शुक्रवार दोपहर में प्रेस कांफ्रेस आयोजित करने की बात कही है। भाजपा ने विधानसभा में आंकड़े अपने फेवर में करने की बात भी कही है।
सूत्रों के अनुसार गुरुवार शाम तक मुख्यमंत्री इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि उन्हें शक्ति परीक्षण को लेकर और समय मिल सकता है, लेकिन जैसे ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार का समय तय किया गया, वैसे ही सरगर्मी बढ़ी और उन्होंने अपने खास मंत्रियों से मंत्रणा की। विधायक दल की बैठक रात को मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के निवास पर हुई।
आखिर कर लिए गए 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति द्वारा 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद मुख्यमंत्री के रणनीतिकारों को लगने लगा है कि शक्ति परीक्षण की राह अब आसान नहीं है। सूत्र बताते हैं कि शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस के बाद विधानसभा में शक्ति परीक्षण की स्थिति ही निर्मित न हो। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस के सभी विधायक भी सामूहिक इस्तीफा दे सकते हैं।
भाजपा मार सकती है बाजी
भाजपा नेता व पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने दावा किया कि विस का अंकगणित भाजपा के साथ है और हर हाल में भाजपा शक्ति परीक्षण में बाजी मार लेगी। सिंह ने उन संभावनाओं को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि कुछ भाजपा के विधायक कांग्रेस के खेमे में जा सकते हैं।
फिर भी हर संभव कोशिश में जुटी है सरकार
सरकार 22 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद भी कांग्रेस सरकार अपने कुनबे को एकजुट रखने की हर संभव कोशिशों में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री की पिछले चार-पांच दिन से भोपाल के एक होटल में जमा हर विधायक की गतिविधियों पर बारीकी से नजर है।
मध्य प्रदेश विधानसभा की दलीय स्थिति पर एक नजर
🔲 कुल सदस्य संख्या- 230
🔲 रिक्त स्थान- 24 (22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद)
🔲 प्रभावी सदस्य संख्या- 206
🔲 बहुमत के लिए जरूरी -104
🔲 कांग्रेस- 91 (अध्यक्ष को मिलाकर 92)
🔲 भाजपा- 107
🔲 निर्दलीय- चार
🔲 बसपा- दो
🔲 सपा- एक
विधानसभा अध्यक्ष का वोट तब
विधानसभा अध्यक्ष शक्ति परीक्षण के दौरान दोनों दलों को समान मत मिलने की सूरत में ही मतदान करते हैं।