तकनीकी शिक्षा समाज के लिए उपयोगी शोध का आधार मानव और प्रकृति में संतुलन हो : राज्यपाल, आरजीपीवी का दसवाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न
भोपाल | तकनीकी शिक्षा समाज उपयोगी होनी चाहिए। नवाचार और शोध की दिशा भी समाज-कल्याण के साथ मानव और प्रकृति के मध्य संतुलन स्थापित करने वाली होना चाहिए। ज्ञान और कौशल समाज और राष्ट्र के लिए सार्थक तभी होंगे जब उनमें मानवीय मूल्य और सदगुण विद्यमान हों। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दशम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थी। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को उपाधियों और पदकों से सम्मानित किया। मुख्य अतिथि प्रो. ए.एस. किरण कुमार थे।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति का आधार सब सुखी हों,पर आधारित है। किसी भी देश की समृद्धता उसकी बौद्धिक पूँजी की गुणवत्ता पर निर्भर होती है। शिक्षा और तकनीकी कौशल से ही व्यक्ति एवं समाज का सर्वांगीण विकास संभव है। वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित जीवन शैली से समाज की तकनीकीविदों से अपेक्षाएँ भी बढ़ी हैं। उन्नत तकनीक ने जीवन स्तर ऊँचा उठाया है तथा विकास की नयी इबारतों को गढ़ा है। विकास की अवधारणा में जीवन मूल्यों की प्रधानता बनी रहे, इस पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना जरूरी है।
राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से अपेक्षा की कि वे समाज एवं राष्ट्र हित के लिए सदैव ज्ञान का उपयोग करेंगे। रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ समाज के जिम्मेदार नागरिक के रूप में निज हित से ऊपर उठकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम समय का सदुपयोग है। लक्ष्य सामर्थ्य के साथ जुड़ा होना चाहिए जो पहुँच में हो किंतु पकड़ में नहीं हो। ऐसा करने से लक्ष्य पूर्ति पर नये लक्ष्य की प्ररेणा मिलती है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे देश के नागरिकों के जीवन-स्तर, जन-कल्याण और चहुँमुखी विकास के नये प्रतिमान गढ़ने में सफल होंगे।
राज्यपाल ने प्रो. किरण कुमार के विशद ज्ञान और अनुभव का विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को लाभ दिलाने की दिशा में पहल की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रकोष्ठ बनाकर कार्यवाही की जानी चाहिए।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री बाला बच्चन ने विद्यार्थियों के प्लेसमेंट के क्षेत्र में नये प्रयासों की जरूरत बताई। विश्वविद्यालय के साथ बड़ी कम्पनियों को जोड़ने की पहल करने को कहा। उन्होंने इस दिशा में नये विचारों को भी आमंत्रित किया। श्री बच्चन ने छात्र-छात्राओं को उनकी जरूरतों की पूर्ति में सरकार का पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी का स्मरण करते हुए कहा कि उनके विजन के अनुसार विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है। इससे तकनीकी शिक्षा के अवसर और पहुँच बढ़ी है। तकनीकी शिक्षा सस्ती, सरल और सुविधापूर्वक उपलब्ध हो रही है।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो किरण कुमार ने विद्यार्थियों का आव्हान किया कि भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए जरूरी है कि विद्यार्थी नये मार्ग का निर्माण करने वाले बनें। उन्होंने कहा कि ज्ञान अर्जन किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण तथ्य होता है। उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग कर सामाजिक समस्याओं के समाधान के अनेक सफल प्रयोग हुए हैं। उनसे प्ररेणा लेकर हमें समाज की समस्याओं को दूर करने में प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए।
कुलपति प्रो सुनील कुमार ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किये गये। विद्यार्थियों ने दीक्षांत संकल्प भी लिया। समारोह में तकनीकी शिक्षा के प्रति बाल्यावस्था से अभिरूचि जाग्रत करने के उद्देश्य से चांदपुर प्राथमिक विद्यालय से आमंत्रित 25 छात्र-छात्राएँ भी उपस्थित थे।