लॉक डाउन का तीसरा दिन : मालिक बन गए हम्माल, सफाई व्यवस्था की खुली पोल, जिम्मेदार नहीं उठाते फोन

🔲 नालियों ने उगली गंदगी

🔲 सड़कों की नहीं हो रही सफाई

हरमुद्दा
रतलाम, 27 मार्च। कोरोना वायरस के कहर से बचाव के लिए देशव्यापी चल रहे लॉक डाउन के तीसरे दिन रतलाम नगर शहर में सफाई व्यवस्था की पोल खुल गई। जगह-जगह नालियां गंदगी उगलती नजर आई। जिला प्रशासन के आदेश के बाद बिना वाहन के खरीदी करने निकले। महिलाओं ने छूट के दौरान गणगौर की पूजा भी की। नगर निगम और जिला प्रशासन की मनमानी और लापरवाही के चलते लोग कोसते हुए भी नजर आए।

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शहर में शुक्रवार की रात से हुई झमाझम बारिश के बाद शहर की नालियां नगर निगम की पोल खोलने के लिए उबलती हुई नजर आई। कहने को तो कोरोना वायरस के कहर को समाप्त कर शहर सेनीटाइज किया गया, लेकिन नालियों की और अभी तक ध्यान नहीं दिया गया। जबकि प्रशासन का कहना है कि निगम के सफाई कर्मी बिल्कुल मुस्तैद है। हकीकत आज सामने आ गई। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में नालियां जाम रही। गंदा पानी और गंदगी सड़कों पर बहने लगी। इसे लेकर न तो नगर निगम आयुक्त कहीं नजर आए और न ही जिला प्रशासन ने कोई निर्देश दिए। लोगों ने ही सफाई की। इसके बाद भी न ही दवाई का छिड़काव किया। जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन इतने गंभीर मसले के बावजूद भी मुस्तैद नजर नहीं आ रहा है। आमजन के फोन भी उठाने के लिए उनको दिक्कत हो रही है।

उन्हें छोड़ दिया खुले में मरने के लिए

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जिला प्रशासन इतना नकारा हो चुका है कि गरीबों और भिक्षावृत्ति करने वालों को समय पर भोजन भी उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है। शुक्रवार को भी 1 बजे तक उन्हें भोजन नहीं मिला। समाजसेवी संस्थाओं को भोजन देने से मना कर दिया लेकिन जिला प्रशासन व्यवस्था अभी तक पटरी पर नहीं ला पाया है। सुबह से शाम तक भोजन नहीं मिल रहा है। ऐसी अव्यवस्था के चलते लोग भूखे मरने को मजबूर हैं। आसपास के लोगों ने 11 बजे भोजन दे देते थे। क्योंकि उन्हें हमेशा श्री कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट के अन्य क्षेत्र से 11बजे भोजन मिल जाता था। कालिका माता मंदिर क्षेत्र में सैकड़ों लोग खुले में रहने को मजबूर हैं। बीती रात बारिश के कारण काफी दिक्कत में थे, लेकिन जिला प्रशासन, नगर निगम के स्वामित्व का मंच और धर्मशाला इनके लिए नहीं खुलवा पाया। जहां आमजन को घर में रहने के लिए डंडे चलाए जा रहे हैं, वहीं इनकी उनको खुले में घूमना पड़ रहा है। भिक्षावृत्ति करने वाले और गरीबों का कहना है कि जिम्मेदार लोग हमें मरने के लिए छोड़ रहे हैं। हमारा ख्याल बिलकुल भी नहीं रखा जा रहा है।

कंधे पर उठाकर ले गए सामानों से भरी थैलियां

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नागरिकों को खरीदी के लिए वाहन ले जाने की मनाही के बाद लोगों ने शुक्रवार को पैदल-पैदल खरीदारी करने के लिए निकले लेकिन सामान इतना हो गया था कि उन्हें हाथ बदल बदल कर घर तक जाना पड़ा। वहीं कई लोग सिर पर सामान उठाकर जाते हुए भी नजर आए तो कई लोग कंधे पर सामान रखे हुए थे। लोगों का कहना था कि जिला प्रशासन ने मालिकों को मजदूर और हम माल बना दिया है।

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छूट में की गणगौर पूजा

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शुक्रवार को गणगौर तीज का उत्सव भी महिलाओं द्वारा मनाया गया। महिलाएं छूट के दौरान अपने अपने क्षेत्र में ही पूजन के लिए गई। जबकि परंपरागत जगह कौन को छोड़ना पड़ा। हर बार दुल्हन की मानिंद सौभाग्यवती बनकर पूजन करने जाने वाली महिलाएं आज सादे सिंपल लिबास में पूजन करने गई।

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