लॉक डाउन : समाजसेवियों को पहले किया हतोत्साहित, अब कर रहे हैं प्रोत्साहित, जिन्हें काम करने की आदत नहीं उन्हें दे दी जिम्मेदारी, यह तो होना ही था…

🔲 जिला प्रशासन के जिम्मेदारों ने डाले हथियार

🔲 समय पर नहीं दे पा रहे हैं जरूरतमंदों को भोजन

हरमुद्दा
रतलाम, 28 मार्च। जिला प्रशासन ने भोजन वितरण के लिए समाजसेवियों को पहले किया हतोत्साहित, अब प्रोत्साहित कर रहे हैं। जिन्हें काम करने की आदत नहीं थी, उन्हें जिम्मेदारी दे दी। नतीजतन समय पर जरूरतमंदों को भोजन नहीं दे पा रहे हैं। यह हश्र तो होना ही था। जिला प्रशासन के जिम्मेदारों ने हथियार डाल दिए।

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जनता कर्फ्यू के दिन ही शहर की समाज सेवी संस्थाएं जागरूक हुई और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाया। मगर जब लॉक डाउन की घोषणा हुई, तो जिला प्रशासन ने शुद्धता की पुंगी बजा कर समाजसेवियों को मना कर दिया। कोई भी संस्थाएं भोजन वितरण नहीं करें। व्यवस्था अपने हाथों में ले ली। आह्वान किया कि कच्ची सामग्री दें। भोजन बनवाने और वितरण करवाने का जिम्मा हमारा रहेगा।  पहले दिन तो मान लिया कि समय लग जाता है लेकिन हर दिन वही ढर्रा चलने लगा। गरीबों और जरूरतमंदों को एक-एक, दो-दो बजे तक भोजन नहीं मिला। जबकि मोहल्ले वाले जरूरतमंदों को अपने घर से 11:00 बजे ही भोजन देने चले जाते थे। ऐसे में विजयरामदास जैसे जरूरतमंदों का कहना था कि मोहल्ले वाले के यहां से अच्छा भोजन मिल रहा है। देर से जो भोजन मिल रहा है, वह बस ठीक है।

मगर ऐसा हो ना सका

उल्लेखनीय है कि जरूरतमंदों को भोजन कराने के लिए समाजसेवी संस्थाएं आगे आई थी मगर जिला प्रशासन ने उन्हें मना कर दिया। भोजन योजना का केंद्रीकरण कर दिया गया और कंट्रोलिंग पावर अपने हाथ में ले लिया। जबकि भोजन वितरण की योजना का विकेंद्रीकरण होना था। अनेक समाजसेवी संगठनों को जोड़कर अपने-अपने क्षेत्र में भोजन बनवाकर अपने क्षेत्र में वितरण की व्यवस्था करवानी थी। मगर ऐसा हो न सका।

होना चाहिए था यह

ज्ञातव्य है कि शहर में जन सहयोग से त्रिवेणी तट पर स्थित श्री बद्री नारायण सेवा ट्रस्ट दशकों से गरीब और अभ्यागतों को भोजन हर दिन करवा रहा है। इसी तरह श्री कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट द्वारा संचालित अन्न क्षेत्र में पहले भोजन फिर भोजन के तहत 11 बजे भिक्षुओं को भोजन प्रदान करने की परंपरा सालों से चल रही है। अब तक यहां पर कोई गड़बड़ी या नहीं हुई लेकिन जब श्री बद्री नारायण सेवा ट्रस्ट ने भोजन वितरण की बात कही थी तो जिला प्रशासन ने कच्ची सामग्री ले ली। इन दोनों ट्रस्ट के माध्यम से शहर के सैकड़ों लोग भोजन प्राप्त करते हैं। रही बात गरीब बस्तियों में भोजन वितरण की तो, समाज सेवी संस्थाएं इसके लिए तो पलक पावडे बिछाए बैठी हुई है कि उन्हें मौका मिले।

10:45 बजे दल रवाना हो गए भोजन लेकर

शनिवार को शहर की सामाजिक संस्थाएं लायंस क्लब मैन, सेवा भारती, रोटरी क्लब प्राइम, चेंबर ऑफ कॉमर्स, हेल्पिंग सोसायटी, राजेंद्र जैन नवयुवक मंडल, दोस्ती फाउंडेशन, महावीर इंटरनेशनल संस्थाओं के सहयोग से 3 पंडित एवं पांच सहयोग के द्वारा 600 व्यक्तियों के लिए भोजन सामग्री का निर्माण लायंस हॉल में किया गया। पैकेट में पांच रोटी, सब्जी अचार, पिंड खजूर की लौंजी, पानी का पाउच रखा गया। 10:45 बजे दल विभिन्न क्षेत्रों में भोजन सामग्री लेकर रवाना हो गए। बरवड़ व अलकापुरी क्षेत्र में राजकमल जैन, दो बत्ती, स्टेशन रोड क्षेत्र में नितिन फलोदिया, त्रिपोलिया गेट, बाजना बस स्टैंड क्षेत्र में सौरभ छाजेड़, सभी बस स्टैंड रेलवे स्टेशन क्षेत्र में प्रीतम सिंह तथा औद्योगिक क्षेत्र जावरा रोड पर शीतल भंसाली भोजन सामग्री लेकर रवाना हुए और अपने कार्य को अंजाम दिया।

🔲 डॉ. गोपाल जोशी, अध्यक्ष, लायंस क्लब मैन, रतलाम

शहर में कमी नहीं है भामाशाह की

जिला प्रशासन द्वारा हमारी सामाजिक संस्थाओं पर भोजन वितरण का कार्य सौपा गया, उसे पूरी निष्ठा व सोश्यल अवेयरनेस का ध्यान रखते हुए शानदार तरीके से सेवा का परिचय दे रहे। शहर में भामाशाह की कमी नहीं है। घर-घर अनाज पहुंचाने वाले कुछ भाई का कार्य भी अनुकरणीय है। शहर में लगभग 10 टीम यह अनुकरणीय कार्य कर रही हैं।

🔲 महेन्द्र गादिया, पूर्व चेयरमेन रेडक्रॉस सोसाइटी, रतलाम

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