कोरोना वायरस लॉक डाउन : असमंजस में जिला प्रशासन, एक से निजी अस्पताल बंद करने के आदेश, दूसरे आदेश से पहला निरस्त

🔲 स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी खेल

🔲 छूट के बाद भी स्वास्थ्य सुविधाएं चालू रखनी चाहिए, मेडिकल स्टोर की तरह

हरमुद्दा
रतलाम, 28 मार्च। कोरोना वायरस के चलते लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए लॉक डाउन है। मगर स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के मद्देनजर भी जिला प्रशासन असमंजस में है। एक से निजी अस्पताल बंद करने का आदेश दिया तो दूसरे आदेश से पहला निरस्त करने की बात कही गई।

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शहर के विभिन्न क्षेत्रों में एमबीबीएस, बीएचएमएस, बीएएमएस चिकित्सक अपनी सेवाएं देकर क्षेत्रीय लोगों को सेहतमंद बनाने का प्रयास करते रहते हैं। साथ ही अन्य डिप्लोमा धारी चिकित्सक भी वरिष्ठ चिकित्सक के मार्गदर्शन में सीखकर उपचार कर रहे हैं। सामान्य चोट सहित, अन्य सामान्य बीमारी का उपचार कर देते हैं और लोगों को राहत मिल जाती है। क्योंकि ऐसे लोगों को जिला अस्पताल में भी काफी परेशान होना पड़ता है। पड़ोस में ही चले जाते हैं और स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले लेते हैं।

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और लॉक डाउन के चलते तो और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। निजी क्लीनिकों पर काफी भीड़ नजर आ रही है। क्योंकि उपचार के लिए भी छूट का इंतजार करना पड़ रहा है। छूट के बाद वे उपचार करवाने भी नहीं जा पा रहे हैं। नतीजतन क्लीनिकों पर ज्यादा भीड़ हो रही है। मरीज और परिजनों का कहना है कि छूट के बाद भी स्वास्थ्य सुविधाएं चालू रखनी चाहिए, ताकि अपने फैमिली डॉक्टर से दवाई ले सकें। जबकि मेडिकल स्टोर पूरे समय अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

निजी क्लीनिक प्रतिबंधित करने के दिए आदेश

जिला एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रभाकर नानावरे ने 27 मार्च को क्रमांक /अस्पताल प्रशासन 2020 /4610 आदेश निकालकर सभी को सूचित किया कि जिले के सभी संचालित पंजीकृत एवं पंजीकृत निजी क्लीनिक जहां पर जनरल ओपीडी तथा अन्य सेवाएं आगामी आदेश तक प्रतिबंधित रहेगी।

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पंजीयन निलंबन तथा सील किए जाने की कार्रवाई

यह भी आदेश दिया है कि उल्लंघन पाए जाने पर मध्य प्रदेश ऊपचर्या गृह तथा रुजोउपचार संबंधी स्थापना ( रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 ( पंजीयन एवं निलंबन एवं सील किए जाने ) की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए बकायदा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला रतलाम, समस्त ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, समस्त मेडिकल ऑफिसर अपने-अपने क्षेत्र में सतत निगरानी रखें एवं निजी क्लीनिक बंद कराने के लिए अपने क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अधिकारी, एसडीओपी से संपर्क बंद कराने की कार्रवाई करें। यह आदेश कलेक्टर द्वारा अनुमोदित था और इस पर तत्काल कार्रवाई होना थी।

आदेश निरस्त

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कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रतलाम, मध्य प्रदेश ने 27 मार्च को क्रमांक/ अस्पताल प्रशासन/ 2020/4696 के माध्यम से जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर नानावरे ने
27 मार्च को जारी पत्र क्रमांक /अस्पताल प्रशासन 2020 /4610 से जारी आदेश को निरस्त कर दिया।

दिक्कत है यहां

फील्ड में कार्य करने वालों को निजी क्लीनिक बंद कराने के आदेश का पालन करना था। उन्हें यह पता नहीं था कि निजी क्लीनिक बंद कराने के आदेश निरस्त कर दिया गया। इसके चलते निजी क्लीनिक संचालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक चिकित्सक ने बताया कि वह असमंजस है। क्योंकि गलत अपील भी वायरल हो रही है। क्या सही, क्या गलत यह निर्णय करना मुश्किल हो जाता है।

इनका कहना

जिला प्रशासन के निर्देश पर कोरोनावायरस के मद्देनजर निजी क्लीनिक प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया था, मगर स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से पुनः वह आदेश निरस्त कर दिया गया अब निजी क्लिनिक खुले रहेंगे।

🔲 डॉ. प्रभाकर ननावरे, जिला मुख्य स्वास्थ्य तथा चिकित्सा अधिकारी, रतलाम

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