🔲 आपातकाल में संघर्ष करने का संस्कार मिला रतलाम से

हरमुद्दा
रतलाम,3 अप्रैल। इंदौर के टाटपट्टी बाखल में हमले के बाद फिर ड्यूटी देने पहुंचकर चिकित्सकों का मान बढ़ाने वाली डॉ. तृप्ति कठघरे रतलाम की बेटी है। उनके पिता स्व.प्रभाकर मेढे रतलाम में प्रसिद्ध अधिवक्ता रहे है। डॉ. तृप्ति को आपातकाल में संघर्ष करने का संस्कार रतलाम में ही मिला है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रतलाम के अध्यक्ष डॉ.राजेश शर्मा में बताया कि विवाह से पूर्व डॉ. तृप्ति शास्त्री नगर में रहती थी। उन्होंने रतलाम के डिस्ट्रिक्ट होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज से बीएचएमएस पास किया है।

डॉ. तृप्ति को पढ़ाया इन्होंने

उन्हें डॉ. राजेश शर्मा,डॉ. एमबी शर्मा, डॉ.स्मिता शर्मा, डॉ. भरत पटेल अनिल वाजपई, डॉ.प्रदीप कोठारी, डॉ. वीवी पुरोहित, डॉ. इन्दरमल मेहता, डॉ योगेंद्र चाहर आदि ने पढ़ाया है।

तब लोगों ने कर दी थी अचानक पत्थरबाजी

इंदौर में बुधवार को जब वे टाटपट्टी बाखल में कोरोना संक्रमण की स्क्रीनिंग के लिए दल के साथ गई थी,तो अचानक लोगों ने एकत्र होकर पत्थरबाजी कर दी थी। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।

डॉ. तृप्ति गुरुवार को फिर गई टाट पट्टी बाखल में

गुरुवार को डॉ. तृप्ति और उनका दल फिर टाटपट्टी बाखल में स्क्रीनिंग के लिए चली गई। इससे पूरे देश मे उनकी वीरता की प्रशंसा हो रही है। उनके इस व्यक्तित्व एवं कृतित्व से समूचे चिकित्सा जगत का गौरव बड़ा है।

रतलामवासी हैं गौरवान्वित

रतलामवासी भी शहर की बेटी की जिंदादिली से गर्व महसूस कर रहे है। डिस्ट्रिक्ट होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज परिवार एवं रतलामवासियो ने डॉ. तृप्ति को इस निस्वार्थ मानवसेवा के भाव के किए साधुवाद दिया है।

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