अधिकांश देश मे शांति है, क्योंकि–
अधिकांश देश मे शांति है,
क्योंकि–
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लोग पड़े है अपने अपने घरों में,
कुछ घर बंगले से, कुछ आलीशान
कुछ पड़े हुए है घर मे कुत्ते समान
देश मे लगी हुई है कानून व्यवस्था
लॉक डाउन पसरा हुआ हर गली
धारा 144 भी लगी हुई हर कही
मंदिर मस्जिदों में भी है लगे ताले
अब भी धर्म के नशे में चूर कुछ,
लोगो की अक्ल पर लगे है जाले
सड़क सड़क,कैम्प में,हर जगह है
मजदूरों, गरीबों की कतार लम्बी
दानवीरों की कमी नहीं है देश में
बनती कही रोटियां, सब्जी पुड़िया
मास्क सेनेटाइजर पर जमाखोरी,
कुछ दरिन्दे हैं, मौत के सौदागर
बहुत खाकी, सफेद लिबास में
जीवन बचा रहे है हम सबका
देवदूत बनकर विपदा में भी,
रेल चलाकर भूख मिटा रहे सब
धूप में तपकर सोने से निखर गए
हरेक रेल कर्मचारी है बना महान!
राजा हो रहा रह रह कर उदास
क्या करें, प्रजा की जान है प्यारी,
करता है जतन, समझाता सबको,
दुश्मन की चाल ओर ये महामारी
अपना घर ईश्वर का दर, बने रहो,
देश को बचाना, जिम्मेदारी हमारी
🔲 इन्दु सिन्हा, रतलाम