वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे साहित्यकार इंदु सिन्हा की लघुकथाएं :- कोरोना : सामाजिक जागरूकता का संदेश, हमें नहीं जरूरत इनकी, उन्हें है -

साहित्यकार इंदु सिन्हा की लघुकथाएं :- कोरोना : सामाजिक जागरूकता का संदेश, हमें नहीं जरूरत इनकी, उन्हें है

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🔲 इंदु सिन्हा, साहित्यकार, रतलाम

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🔲 मास्क, सेनेटाइजर और उनकी चुप्पी

लॉक डाउन ,धारा 144, मध्यप्रदेश का एक शहर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का कार्य स्थल। एक संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं का आगमन।
थैले में से मास्क ओर सेनेटाइजर निकाल कर बांटने लगे, कुछ कर्मचारियों को बाटे ही थे, एक युवक बीच से निकलकर आया, बोला – नहीं चाहिए मास्क और सेनेटाइजर।
क्यों ? कार्यकर्ताओं ने और दूसरे कर्मचारियों ने आश्चर्य से उसे देखा।
साथियों हमने सबने मास्क पहना है, इस मास्क ओर सेनेटाइजर की कीमत 150/रु से ज्यादा नहीं।
हमें सरकार ने सेलरी कितनी देती है। लगभग 25 से 30 हजार। ऐसे मास्क और सेनेटाइजर हम खुद खरीदकर दस दूसरों को दे सकते है। आत्मसम्मान भी कोई चीज होती है, कार्यकर्ता चुपचाप चल दिए।

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🔲 आत्मसम्मान के तेज़ से चमक उठा था चेहरा

कुछ संगठन के कार्यकर्ता मास्क और सेनेटाइजर बाँटकर बड़े खुश थे, मोबाइल से फ़ोटो उतारने में लगे थे। चलो वोट मिलेंगे।
इतने में एक युवक जो कही दूर से आता दिखा। बोला- रशीद खान, ये मास्क और सेनेटाइजर वहाँ दीजिए, जहाँ जरूरत हो।
नाराज क्यो हो रशीद भाई? एक कार्यकर्ता बोला।
सर, हम आपके पास काम से कभी आए तो आपने हम लोगों को इज्जत दी ? कभी एक गिलास पानी ऑफर किया ?
कभी चेम्बर में अपने सामने बिठाया ? नहीं ना ? बोलिये सर ?
हम असहाय नहीं है। सर्विस है हमारी सरकारी सर्विस। जिन कमर्चारियों को आत्मसम्मान नहीं, वही मदद ले आपसे। क्योंकि आज 150 से 200 के मास्क लेंगे आपसे, तो बदले में आप क्या मांगेंगे,? पता है हमको। जो कार्यकर्ता हमको इज्ज़त दे, हमारा सम्मान करे, वही सच्चा हितेषी है हमारा। रशीद खान की बात सुनकर सभी कर्मचारियों ने मास्क लौटा दिए। आत्मसम्मान के तेज़ से चेहरा चमक उठा था।

 

🔲 यह सब उन्हें दीजिए हमें नहीं

हरेक सरकारी कमर्चारी को अच्छा वेतन मिल रहा है साब।
उस कर्मचारी को सेनेटाइजर और मास्क दोगे, उसके परिवार को भी मास्क और सेनेटाइजर दोगे क्या ? बोलो साब बोलो -?
मास्क और सेनेटाइजर दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों को दीजिए।
हम सरकारी नोकर है। इज्जत और सम्मान दीजिए, सर ,
मेकेनिकल इंजीनिरिग उतीर्ण पढ़ाई किए हुए अनुराग शर्मा ने गर्व से कहा।

 

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