रतलाम में दफन किए गए व्यक्ति व्यक्ति को कोरोना पॉजीटिव

🔲 पुलिस प्रशासन की नाकाबंदी पर सवालिया निशान

🔲 आखिर कैसे आ गए बिना जांच के लोग शहर में

🔲 शहर में फैली सनसनी

🔲 शहरवासियों की उम्मीदों पर पानी फेरा

हरमुद्दा
रतलाम, 8 अप्रैल। इंदौर में दिवंगत हुए व्यक्ति को रतलाम लाकर 4 दिन पहले दफनाया गया था। उसकी रिपोर्ट 8 अप्रैल को सुबह आई जिसमें वह कोरोना पॉजीटिव पाया गया। इस घटना ने जिला एवं पुलिस प्रशासन की नाकाबंदी पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। आखिर इंदौर से कैसे लोग रतलाम आ गए और दफन कर दिया? आग की तरह फैली खबर से शहर में सनसनी फैल गई है। इस खबर ने शहरवासियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार मोहम्मद कादरी उर्फ बाबू भाई उम्र 60 वर्ष, जो विगत एक वर्ष से इंदौर में निवासरत थे। उनकी मृत्यु 4 अप्रैल 2020 को हुई है। उसके कोविड 19 पॉजीटिव होने की रिपोर्ट 8 अप्रैल को प्राप्त हुई। इनका परिवार मूल निवास रतलाम में लोहर निवासी होने के कारण मृतक को 4 अप्रैल को ही रतलाम दफन में किया गया।

सभी को कर दिया आइसोलेट क्षेत्र को किया सेनीटाइज

चूंकि बुधवार को इनकी रिपोर्ट कोविड 19 पॉजीटिव प्राप्त हुई है। इसलिए इनके परिवार तथा जनाज़े में शामिल व्यक्तियों की मेडिकल जांच करवा आइसोलेट
कर निगरानी में रखा गया है। संक्रमण की संभावना को देखते हुए निवास के पास के एरिया को ऐहतियातन क्वारेंटाइन क्षेत्र घोषितकर दिया गया। क्षेत्र को सेनीटाइज भी कर दिया गया है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है। प्रशासन आवश्यक कार्रवाई कर रहा है। हर स्थिति पर नज़र रखे हुए है। जिला प्रशासन ने शहरवासियों से अपील है कि शांति बनाए रखे व सहयोग करें। शहर में यह खबर 11:00 बजे से फैल रही है। लेकिन प्रशासन उसकी पुष्टि करने को तैयार नहीं था। हरमुद्दा ने कलेक्टर को भी व्हाट्सएप मैसेज किया लेकिन उन्होंने कोई पुष्टि नहीं की। शहरवासियों के फोन खबरनवीसों के पास भी आते रहे और पूछते रहे कि आखिर घटना क्या सच है? मगर खबरनवीसों ने भी संयम बरतते हुए कहा कि अभी प्रशासन ने पुष्टि नहीं की है, जैसे प्रशासन पुष्टि करेगा आपको खबर मिलेगी।

प्रशासन की नाकाबंदी पर सवालिया निशान, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात तो फिर चूक कहां हुई?

उल्लेखनीय है कि जब से इंदौर में कोराना पॉजीटिव लोगों की संख्या बढ़ने लगी और मृतकों की संख्या में इजाफा होने लगा, तब से ही इंदौर से आने वालों को रतलाम में नहीं आने दिया जा रहा था, ऐसा प्रशासन दावा कर रहा था। लेकिन इस घटना ने प्रशासन के दावे की पोल खोल दी है। प्रशासन का कहना था कि सीमाएं सील कर दी गई है। कोई भी आवागमन जारी नहीं है तो फिर इंदौर से रतलाम शव कैसे आया और दफनाने की अनुमति किसने दी। जिम्मेदारों ने अपना कार्य क्यों पूरा नहीं किया। किस बिना पर उन्हें आने दिया। ऐसे तमाम सवालिया निशान जिला प्रशासन पर लग रहे हैं। जब केवल 4 घंटे ही प्रशासन लॉक डाउन में छूट दे रहा है। इसके बाद तो पूरा पुलिस महकमा चप्पे-चप्पे पर तैनात है तो फिर चूक कहां हुई?

लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरा

देशभर में लॉक डाउन 14 दिन पूरे होने के बाद आमजन यही चर्चा कर रहे हैं कि रतलाम तो बिल्कुल सुरक्षित है। रतलाम में लॉक डाउन नहीं रहेगा। यहां की दिनचर्या सामान्य दिनों की तरह होने लगेगी। जबकि इंदौर, उज्जैन, भोपाल इन क्षेत्रों में लॉक डाउन खुलने में थोड़ा समय लगेगा और रतलामवासियों की लोग तारीफ भी कर रहे थे कि यहां के लोग बिल्कुल संयमित और घर के अंदर ही रह रहे हैं। लेकिन इस घटना ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

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