24 घण्टे में संदिग्ध की सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई फिर भी एक दिन 147 से 111 रिपोर्ट का इंतजार !
🔲 आंकड़ों के कारण ही बढ़ती है टेंशन फिर भी आंकड़ों पर ध्यान नहीं
🔲 कार्य करने वाले लोग कर रहे हैं लापरवाही, जिम्मेदारों का नहीं है नियंत्रण
हरमुद्दा
रतलाम, 20 अप्रैल। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल की तरह ही जिला प्रशासन रतलाम भी रिपोर्ट भेजने में गड़बड़ी कर रहा है। 19 अप्रैल तक जहां 147 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी थी, वही 20 अप्रैल को 111 सैंपल की रिपोर्ट आना शेष बताई गई जबकि 24 घंटे में कोई रिपोर्ट नहीं आई।
कोरोना वायरस संक्रमण में आंकड़ों के बढ़ने के कारण ही टेंशन बढ़ती है फिर भी आंकड़ों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कार्य करने वाले लोग लापरवाही किए जा रहे हैं और जिम्मेदारों का उन पर कोई नियंत्रण नहीं है।
हो रही है हद दर्जे की गलतियां
जिला प्रशासन रतलाम द्वारा जारी कोरोना हेल्थ बुलेटिन में 19 अप्रैल को 272 सैंपल भेजने की जानकारी दी गई थी। 125 की रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई थी। 24 की रिपोर्ट रिजेक्ट बताई गई। और पॉजीटिव की संख्या 12 बताई। 147 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी बताई गई।
ठीक इसी तरह 20 अप्रैल को जिला प्रशासन रतलाम द्वारा कोरोना वायरस बुलेटिन जारी किया गया। 272 सैंपल भेजने की जानकारी दी गई। 125 की रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई। 24 की रिपोर्ट रिजेक्ट बताई गई और पॉजीटिव की संख्या 12 बताई। 111 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी बताई गई।
और सहम गए थे शहरवासी
आखिर हद दर्जे की गलतियां क्यों की जा रही है? क्या वर्क लोड ज्यादा है? या फिर कार्य करने वाले लापरवाह बने हुए हैं। लगता है रिपोर्ट बनाने वालों को जोड़ बाकी तक नहीं आती है। मुद्दे की बात तो यह है कि जहां शहरवासी कोरोना का एक पॉजीटिव मिलने के बाद से ही सहम गए थे। दूसरा मिलने के बाद एक ही दिन में 10 लोग कोरोना पॉजीटिव आए थे, शहर में सन्नाटा पसर गया था। तीन क्षेत्रों को कंटेंटमेंट घोषित कर दिया गया था। लोगों में काफी डर बैठ गया था कि अब क्या होगा? लेकिन जिला प्रशासन बिना सोचे समझे परखे आंकड़े जारी कर रहा है। शायद जिला प्रशासन नहीं समझता है कि आंकड़ों के कारण लाखों लोग कितने परेशान होते हैं? उनकी सेहत पर विपरीत असर होता है। ऐसे गलत आंकड़े जारी करने वालों पर प्रशासन क्या कार्रवाई करेगा?
हरमुद्दा से सीधे संवाद एडीएम जमुना भिड़े का
🔲 हरमुद्दा – मैडम 2 दिन से जो रिपोर्ट आ रही है, उसमें आंकड़ों में गड़बड़ी है। कल 147 की रिपोर्ट आना शेष थी आज 111 बताई। जबकि अन्य कोई रिपोर्ट 20 अप्रैल को नहीं आई।
🔲 एडीएम – अभी रिपोर्ट जारी नहीं हुई है।
🔲 हरमुद्दा – मेडम रिपोर्ट तो 6.30 बजे जारी हो गई।
🔲 एडीएम – अच्छा तो गड़बड़ कहां हुई दिखवाती हूं। मीटिंग अभी खत्म हुई है।