चुन-चुन कर मारों देशद्रोही आतंकियों को

कश्मीर के पुलवामा में जैश आतंकियों के कायराना हमले में 42 सीआरपीएफ जवान शहीद। सम्भवतः आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद उर्फ़ वकास ने स्कार्पियो गाड़ी में 350 किलोग्राम एक्सप्लोसिव भरकर इस्लामिक स्टेट की स्टाइल में फिदायीन हमला कर ख़ुद को भी उड़ा लिया है। कुछ और जवान घायल भी हैं गम्भीर रूप से। अभी शहीदों की संख्या बढ़ सकती है। अब कोई रियायत नहीं। चुन-चुन कर इन देशद्रोही आतंकियों को खत्म करना ही होगा।

सीआरपीएफ के ढाई हज़ार जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे। एक बस में लगभग 40-50 जवान थे, जिसका सबसे ज़्यादा नुक़सान हुआ है। सुरक्षा चूक के कारण यह हमला होना माना जा रहा। आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने जिम्मेवारी ली है। सेना व अर्द्धसैनिक बलों ने इलाके को घेर लिया है। लगातार सर्च ऑपेरशन व फायरिंग चल रही हैं।

किसी ज़माने में साढ़े 4 हज़ार आतंकी थे कश्मीर में। आज इनकी संख्या मात्र ढाई सौ रह गयी है। अब बिना किसी महबूबा व किसी अब्दुल्ला की फ़िक्र किये कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

तथा जो पत्थरबाज भी बचाते हैं आतंकियों को, इनको अब पैलेट नहीं, सीधे गोली मार देनी चाहिए। और कोई कोर्ट गर कहे कि पत्थरबाजों पर गोली नहीं चलनी चाहिए, तो इस प्रकार के आदेश देने वाले माननीय को कश्मीर भेज दिया जाए बिना किसी सुरक्षा के।

ज़्यादा कोई मानवाधिकार की बात करे तो उसे सीधे ठोक दीजिये। बात खत्म। आज टुकड़े-टुकड़े गैंग कहाँ है ? कहाँ हैं जेएनयू के कन्हैया, ख़ालिद और शेहला रशीद ? अब कोई ज़्यादा बोले तो पिटिये इन सबको। दिमाग़ पूरा ख़राब है। इन जवानों का मानवाधिकार नहीं है क्या ? कहाँ गया वह पूर्व आईएएस शाह फैसल जो क़ाबिल की दुम बन रहा था ?

मारो इन सबको। सब इनका आज़ादी लिया निकल जायेगा। जो इन आतंकियों के समर्थन में कोर्ट जाए आधी रात को, उनकी भी ठुकाई जरूरी है अब। तभी ये सुधरेंगे। बस बहुत हुआ। पाकिस्तान की भी ठुकाई जरूरी है।

अब नीचे भी कोई उपदेश दिया तो धक्के मार के भगा दूंगा यहां से। अभी मूड ऑफ हो गया। अब लेना आज़ादी। बहुत हुआ। ज़्यादा मूड सनकेगा तो कश्मीर में घुस कर मारेंगे उनको अब हम लोग जो आज़ादी की बात करेंगे।

जवान हमारे ख़ुद भी आगबबूला हैं। अब बस बहुत हुआ। कोई निंदा नहीं। बस मारो अब इन सबको। जो मानवाधिकार की बात करे और जो यूएनओ जाने की बात करे, उसको भी मारो। तब ये सुधरेंगे, वरना देश छोड़ कर भागेंगे।

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