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जिनके यहां विवाह में लगभग आधा शहर भोजन करने जाता है, वहां पर आज नहीं गए परिजन

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🔲 भतीजे के विवाह में रखा भावनाओं पर नियंत्रण, रतलाम में ही दर्जनों परिजनों ने वीडियो कॉलिंग में दिया आशीर्वाद

🔲 पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी के भतीजे का महिदपुर निवासी कन्या से हुआ विवाह

🔲 होते आए हैं बड़े जलसे

हरमुद्दा
रतलाम, 6 मई। कहते हैं जनम, परण, और मरण कोई नहीं रोक सकता। न किसी को जन्म की तारीख पता होती है ना मृत्यु की। लेकिन शादी की तो तय रहती है। कई बार परिजन की मृत्यु होने के बावजूद विवाह की रस्में पूरी करना होती है। मगर ऐसा नहीं हुआ। शहर में तो बस लॉक डाउन का पालन किया गया और विवाह उत्सव शालीनता में तब्दील हो गया। जिनके यहां शहर के हजारों लोग जलसे में भोजन करने जाते हैं। उसी परिवार में आज परिजन भी भोजन करने नहीं गए।


हुआ यूं कि प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी के भतीजे एवं मनोज कोठारी के पुत्र चि. भावेश का विवाह महिदपुर के विमल डोसी की सुपुत्री सौ. अदिति के साथ काटजू नगर में धार्मिक रीति से सादगी पूर्ण तरीके से हुआ, लेकिन संख्या काफी सीमित थी। दर्जनों परिजनों ने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से भतीजे और भतीजा बहू को आशीर्वाद दिया।

वधू पक्ष से केवल माता-पिता रहे मौजूद

विवाह में महिदपुर से वधू पक्ष की और से दुल्हन और उसके माता पिता ही मौजूद थे। वर पक्ष कोठारी परिवार बहुत बड़ा है परंतु लॉक डाउन में शासन के नियमानुसार सीमित संख्या में ही परिवार के सदस्य शामिल हुए।
परिवार के अन्य सदस्यों ने वीडियो काल के माध्यम से ही विवाह को देखा और वहीं से आशीर्वाद दिया।

सादगी में भी बन गया मिसाल

कोरोना महामारी के दौर में मौजूद परिजन दूल्हा दुल्हन एवं सभी ने मास्क लगाने के साथ सोशल डिस्टेंस बनाया। कोठारी परिवार का यह विवाह सीमित संख्या और सादगी के कारण मिसाल बन गया। यूं तो कोठारी परिवार अधिकांश मतदाताओं को अपने यहां पर आयोजित मांगलिक उत्सव में आमंत्रित करते हैं और भोजन कराते हैं तो भी मिसाल बनता है।