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समझ से परे है भारतीय रेलवे का दिल्ली से रेल चलाने का निर्णय, क्या होगा हश्र ?

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,🔲 दिल्ली में है 7000 से अधिक संक्रमित

🔲 80 से अधिक है हॉटस्पॉट

🔲 12 मई को 15 मार्गों पर चलेगी दिल्ली से आरक्षित रेल

🔲 केवल आईआरसीटीसी पर ही होंगे आरक्षण

🔲 संक्रमित इम्यूनिटी से ही बचे हैं दवाई से नहीं

हरमुद्दा
रतलाम, 11 मई। भारतीय रेलवे ने निर्णय लिया है कि 12 मई से दिल्ली से ही 15 मार्गों पर आरक्षित रेल चलाई जाएगी। मगर यह निर्णय समझ से परे है, क्योंकि दिल्ली में ही वर्तमान में 7000 से अधिक संक्रमित लोग हैं वहीं 80 से अधिक हॉटस्पॉट बने हुए हैं। 75 से अधिक की मौत हो चुकी है। मुद्दे की बात यह है कि ऐसे में वहां से लोग निकलेंगे तो पूरे देश में क्या हश्र होगा? यह चिंतनीय है।
ज्ञातव्य है कि रविवार को भारतीय रेलवे ने 12 मई से रेल सेवा आंशिक रूप से बहाल करने का फैसला किया है। अभी 15 ट्रेनों को चलने पर सहमति बनी हैं, जिनके लिए सोमवार शाम 4 बजे से बुकिंग शुरू हो जाएगी। अभी सिर्फ आईआरसीटीसी से ही बुकिंग होगी।

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वही जा सकेंगे जिनका टिकट है कंफर्म

उन्हीं यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक पहुंचने की अनुमति होगी, जिनका टिकट कंफर्म है। इस दौरान यात्रियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही टिकट बुकिंग इस तरह की जाएगी कि यात्री ट्रेन में बैठते समय भी फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें। यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर प्रवेश करते समय जांच से गुजरना होगा। यात्रियों से सामान्य किराया ही वसूला जाएगा।

बंद रहेंगे रेल काउंटर

इन ट्रेनों का पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है। किसी भी ट्रेने की बुकिंग रेलवे काउंटर से नहीं होगी। यात्रियों से अपील की गई है कि वे हड़बड़ाहट में यात्रा का फैसला न ले। पहले जानकारी जुटा लें कि उनके शहर तक ट्रेन जा रही है या नहीं। साथ ही आईआरसीटीवी की वेबसाइड या इसके ऐप के जरिए कंफर्म टिकट होने पर ही रेलवे स्टेशन पहुंचे।

मंगलवार से चलेगी 15 मार्ग पर रेल गाड़ी

🔲 नई दिल्ली से डिब्रूगढ़

🔲 नई दिल्ली से अगरतला

🔲 नई दिल्ली से हावड़ा

🔲 नई दिल्ली से पटना

🔲 नई दिल्ली से बिलासपुर

🔲 नई दिल्ली से रांची

🔲 नई दिल्ली से भुवनेश्वर

🔲 नई दिल्ली से सिकंदराबाद

🔲 नई दिल्ली से बेंगलुरु

🔲 नई दिल्ली से चेन्नई

🔲 नई दिल्ली से तिरुवनंतपुरम

🔲 नई दिल्ली से मडगांव

🔲 नई दिल्ली से मुंबई सेंट्रल

🔲 नई दिल्ली से अहमदाबाद

🔲 नई दिल्ली से जम्मूतवी

यानी कि सभी दूर जाएगी ट्रेनें

याने कि दिल्ली से लगभग सभी दूर ट्रेनें रवाना होगी। ऐसी दिल्ली जहां पर संक्रमित की संख्या 7000 से अधिक है। 80 हॉटस्पॉट हैं। ऐसे में कैसे कोई भी यात्री सुरक्षित होगा। इस पर संशय है। रही बात जांच की तो केवल स्क्रीनिंग करने से ही कोरोना का पता नहीं चलता है। यह तो सभी को पता है तो फिर ऐसे में कैसे वह यात्रा कर सकेंगे यह मुद्दा विचारणीय हैं।

रोज स्क्रीनिंग होती है फिर भी पता नहीं चला और हो गए संक्रमित

यदि स्क्रीनिंग से ही पता चल जाता तो फिर क्या बात थी? इतने टेस्ट कराने की झंझट नहीं होती। टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना पड़ता। क्योंकि कई लोग सेवा करते करते ही कोरोनावायरस के शिकार हो गए थे लेकिन उन्हें पता ही नहीं चला। जबकि ऐसी सेवा देने वालों की रोज स्क्रीनिंग होती है फिर भी पता नहीं चला और वे संक्रमित हो गए। स्थिति गंभीर हुई तो उनके कारण ही पूरा स्टाफ भी प्रभावित हुआ है। सबको क्वारेंटाइन कर दिया गया है।इतना ही नहीं वे जान तक को गवा बैठे हैं।

भारतीय रेलवे का जल्दबाजी में लिया गया फैसला हो सकता है साबित

तो फिर ऐसे में कैसे विश्वास किया जा सकता है कि जो यात्री दिल्ली से देश के सभी क्षेत्रों में जाएंगे, वह संक्रमण नहीं फैलाएंगे? भारतीय रेलवे का फैसला जल्दबाजी में लिया गया निर्णय साबित हो सकता है। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी कहना है कि मई में यह संक्रमण ज्यादा फैलेगा। इस दौरान ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है।

हरेक की इम्यूनिटी होती अलग-अलग

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डॉ अभय ओहरी का कहना है कि यह तो सबको पता है कि हर एक व्यक्ति की अपनी-अपनी इम्युनिटी होती है कोई। संक्रमित होने के बावजूद भी इम्यूनिटी के बल पर ठीक हो जाता है और पता भी नहीं चलता कि वह संक्रमित भी था, वही उसके पास में बैठने वाला कम इम्युनिटी वाला होगा, तो वह संक्रमित हो जाएगा। ऐसे में यात्रा करने वाले कम इम्यूनिटी वाले अधिक हुए तो वह एक दूसरे को संक्रमण फैल आएंगे ही इसमें कोई दो मत नहीं है। संक्रमित लोग भी अपनी इम्यूनिटी के कारण ही बचे हैं और घर पहुंचे हैं। जिनकी इम्यूनिटी कमजोर थी, वह इस जहां में नहीं रहे।

तो फिर यह कदम क्यों?

यह तो जगजाहिर है कि कोरोनावायरस से लड़ने की अभी तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं है। इम्युनिटी के बल पर ही संक्रमित लोग लड़ रहे हैं। तो फिर आखिर इतना बड़ा कदम क्यों उठाया जा रहा है? यह समझ से परे है और चिंतनीय भी। लगता है सरकार स्वयं ही आम जनता को मौत के मुंह में धकेलने को तैयार है।

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