संचेती परिवार ने पेश की जागरूकता की मिसाल, स्वयं पहल कर भेजा था सैंपल, परिवार के 10 लोग क्वारेंटाइन
🔲 मामला जीवागंज के शिक्षक का कोविड टेस्ट पॉजीटिव आने का, मृत्यु उपरांत हुई थी जांच
🔲 महेंद्र जैन
मंदसौर, 16 मई। कोविड 19 की विभिषिका के दौर में शहर के संचेती परिवार ने जागरूकता की मिसाल पेश की। मृतक शिक्षक अशोक संचेती के परिजनों ने खुद पहल कर कोविड नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर कोरोना जांच के लिए सैंपल दिए। अंत्येष्टि और बाद के क्रियाकर्म में भी बेहद सावधानी बरती और आशंका अनुरूप दिवंगत की रिपोर्ट पॉजीटिव आई। प्रशासन ने इस परिवार के 10 सदस्यों को क्वारेंटाइन किया।
जानेमाने शिक्षक, लेखक और राजनैतिक विश्लेषक अशोक संचेती मधुमेह से पीड़ित थे। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। परिवार के लोगों ने 29 अप्रेल को उन्हें मंदसौर के पमनानी हॉस्पीटल में भर्ती करवाया। यहां प्रारंभिक जांच में शुगर बढ़ी हुई पाई गई। यूरिन में क्रिटेनिन की मात्रा भी ज्यादा थी, लिहाजा डायलेसिस की आवश्यकता होने पर पमनानी हॉस्पीटल से उन्हें उसी दिन रेफर किया गया।
संचेती को को इंदौर कर दिया था रेफर
संचेती को सीएचएल हॉस्पीटल इंदौर ले जाया गया। वहां से उन्हें मयूर हॉस्पीटल भेजा गया, जो कोविड सेन्टर भी है। यहां दो-तीन दिन तक कोई उपचार शुरू नहीं हुआ और कोविड के कोई लक्षण नजर नहीं आने पर पुनः सीएचएल शिफ्ट किया गया। सीएचएल में उनका उपचार शुरू हुआ। बढ़े क्रिटेनिन की वजह से फेफडों में पानी की समस्या सामने आई।
10 मई को कोविड की आई रिपोर्ट नेगेटिव, मंदसौर पहुंचते-पहुंचते हो गया निधन
सीएचएल से उन्हें फिर कोविड सेंटर शेल्बी हॉस्पीटल भेज दिया गया। 3 मई को कोविड 19 की जांच के लिए उनका सेंपल लिया गया। 10 मई को उनकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई। क्रिटेनिन और शुगर कंट्रोल होने पर उन्हें 11 मई की शाम डिस्चार्ज किया गया। उसी रात को मंदसौर पहुंचते-पहुंचते उनकी मृत्यु हो गई। 12 मई को उनकी अंत्येष्टि की गई।
भतीजे ने दिया मशवरा, कराई जांच
इसके पूर्व दिवंगत संचेती के भतीजे अशांशु संचेती ने परिवार से मशवरा कर दिवंगत की कोविड जांच के लिए सैंपल देने का सुझाव रखा। आशंका यह थी कि दो कोविड हॉस्पीटल में लंबे समय तक रहने के चलते कहीं वे संक्रमित तो नहीं हुए। कोरोना नियंत्रण कक्ष पर फोन लगाकर स्थिति बताई तो वहां से मृतक का सैंपल लेने से मना किया गया।
तो पूरे परिवार की हुई स्क्रीनिंग
दरअसल शासन की नई गाइडलाईन के मुताबिक अब मृतक की कोरोना जांच नहीं की जाती है। हालांकि कोविड सेंटर से मेडिकल टीम ने पूरे परिवार की स्क्रीनिंग भी की, लेकिन मृतक का सेंपल लेने को तैयार नहीं हुए। काफी जोर देने पर उनका सैंपल लिया गया।
शुक्रवार रात को दिवंगत की रिपोर्ट भी आई पॉजीटीव
आशंका के अनुरूप हीे शुक्रवार की रात दिवंगत संचेती की रिपोर्ट पॉजीटिव आ गई। प्रशासन ने आनन-फानन में उनके निवास वाले इलाके जीवागंज को कंटेंटमेंट एरिया घोषित कर सील किया। रात में और सुबह परिवार के करीब 10 सदस्यों को आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में क्वारेंटाइन पर भेजा।
तब भी बरती गई थी पूरी सावधानी, संक्रमण को बढ़ने से बचाया
इसके पूर्व दिवंगत संचेती की अंत्येष्टि में भी पूरी सावधानी बरती गई। मुक्तिधाम पर जाने वाले सदस्यों की संख्या बेहद सीमित रखी गई।
समाज के लिए अनुकरणीय
इस घटनाक्रम में संचेती परिवार की जागरूकता ने कई लोगों को संक्रमण के खतरे से तो बचाया ही, शहर के लिए एक उदाहण भी प्रस्तुत किया। इस शहर में कई ऐसी घटनाएं भी हुई, जहां किसी एक के पॉजीटिव आने के बाद उसके संपर्क में आने वाले गायब ही हो गए। उन्हें ढूंढने में प्रशासन को पसीने आ गए। कई लोगों ने सैंपल देने में भी परेशान किया। ऐसी स्थिति में संचेती परिवार का यह व्यवहार समाज के लिए अनुकरणीय है।