दीक्षा ले सकती है वही आत्मा: साध्वीजी
आचार्य श्री रामेश की 44 वी दीक्षा जयंती मनाई
हरमुद्दा डॉट कॉम
रतलाम । जिस आत्मा को कल्याण करना होता है, उसे आगे बढ़ना होता है और वही आत्मा दीक्षा ले सकती है। आज आचार्य प्रवर श्री रामलाल जी मासा की जयंती हम मना रहे हैं। आचार्य भगवन में ज्ञान आचार , दर्शन आचार, तप आचार, चरित्र आचार, वीर्या आचार, आदि आचारों से परिपूर्ण संयम की आराधना करते हैं। ऐसे आचार्यों की दीक्षा जयंती मना कर हम अपने आप को धन्य मानते हैं।
यह विचार साध्वी श्री प्रीति सुधा जी मासा ने समता भवन पर व्यक्त किए। साध्वी श्री समीक्षणा श्री जी मासा ने फरमाया की बुद्धि चार प्रकार की होती है चारों प्रकार की बुद्धि के वे धनी है। हम उनमे ऐसी संयम साधना देखते है। यदि हम उनके मार्ग पर चले तो जीवन सफल हो जाता है। यह जानकारी साधुमार्गीय जैन संघ के महेंद्र ग़ादिया ने बताया कि आचार्य श्री की 44 वी दीक्षा जयंती पूरे देश मे त्याग तपस्या के साथ मनाई गई। इसमे सामूहिक एकासन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिला मंडल की पुष्पा मूणत, हंसा, गांधी बहु मंडल की अध्यक्ष प्रियंका कोठारी, मंत्री सोनाली गोरेचा, प्रतिभा मूणत, अनिता डाँगी, अनिता राका, खुशबू सिसौदिया, स्वेता पिरोदिया आदि ने अपने भाव रखे। संचालन संघ मंत्री सुशील गोरेचा ने किया ।