नशे की आदत व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर डालती है दुष्प्रभाव : जिला न्यायाधीश

🔲 अंतरराष्ट्रीय एंटी ड्रग डे 26 जून को मुंबई के मनोचिकित्सक डॉ. आशीष देशपांडे वीसी के माध्यम से करेंगे चर्चा

हरमुद्दा
रतलाम 24 जून। नशे की आदत व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर ऐसा दुष्प्रभाव डालती है कि उसके बिना वह गुस्सा, अनिद्रा, भूख, प्यास में कमी, मानसिक अस्थिरता, मानसिक दुष्प्रभावों से पीड़ित हो जाता है। परिणाम स्वरूप वह स्वयं परेशान होता है और कई बार परिवार को भी परेशान करता है।
यह बात जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुश्री शोभा पोरवाल ने कही। उन्होंने बताया कि नशे की ऐसी अवस्था में उसे चिकित्सीय परामर्श, दवाओं एवं काउंसिलिंग की आवश्यकता होती है। इस संबंध में 26 जून अंतरराष्ट्रीय एंटी ड्रग डे पर जिला न्यायालय परिसर में नशा मुक्ति विषय पर सुविख्यात मनोचिकित्सक मुंबई के डॉक्टर आशीष देशपांडे से वीसी के माध्यम से चर्चा होगी। डॉ. देशपांडे द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा। इस अवसर पर शहर के गणमान्य व्यक्ति, नशा छोड़ चुके व्यक्ति एवं इस दिशा में प्रेरक कार्य करने वाले व्यक्ति मौजूद रहेंगे।

जिला चिकित्सालय में ले सकते हैं परामर्श

नशा पीड़ितों के उपचार हेतु शासन के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग रतलाम द्वारा सिविल अस्पताल कमरा नं. 13 में सुबह 09 बजे से लेकर 1 बजे तक ओपीडी में नशे के रोगी चिकित्सीय परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। इसी प्रकार अगर वे अपनी नशे की इस समस्या से ग्रुप थेरेपी, पारस्परिक सहयोग एवं काउंसिलिंग के माध्यम से छुटकारा पाना चाहते हैं तो वे एल्काहालिक एनोनिमस तथा नारकोटिक्स एनोनिमस जैसे अंतर्राष्ट्रीय पारस्परिक सहायता कार्यक्रम की भी मदद ले सकते हैं। जिसके सदस्य कई भारतीय नशा पीड़ित भी हैं। इस कार्यक्रम में भाग लेकर लाखों की संख्या में लोग नशे की लत से बाहर आने के लिए एक-दूसरे को प्रेरित करते हैं और नशा मुक्त होकर सामान्य जीवन बिता रहे हैं। इस हेतु एल्काहालिक एनोनिमस हेल्प लाईन नंबर 9406540406, श्री रवि 9827267500, श्री अनूप 9200339300 एवं नारकोटिक्स एनोनिमस हेल्प लाईन नंबर 9669663303 पर संपर्क किया जा सकता है।

सहायता के लिए उपलब्ध 

नशा पीड़ितों को परामर्श हेतु भारत सरकार द्वारा हमेशा नेशनल ड्रग्स हेल्प लाईन नंबर 1-844-289-0879 भी उपलब्ध है। नशा पीड़ितों के अतिरिक्त सामान्य व्यक्तियों की मनोसामाजिक आवश्यकता एवं सहायता के लिये टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस के आई काल साइको सोशल हेल्पलाईन नंबर 9372048501, 9920241248 सोमवार से शानिवार सुबह 08 से रात 10 बजे पर संपर्क किया जा सकता है।

लॉकडाउन में मिले हैं सकारात्मक परिणाम

कोरोना महामारी के इस गंभीर संकट और नशा पीड़ितों की समस्या के बीच भी कई ऐसे उदाहरण हैं, जो वर्षों से शराब और ड्रग्स की आदत तो छोड़ चुके थे मगर सिगरेट, तम्बाकू और गुटका नहीं छोड़ पा रहें थे, मगर लाकडाउन की अवधि में उन्होंने निकोटीनमुक्त जीवन शुरू करने का प्रण लिया और लाकडाउन के पहले दिन से लेकर आज तक वे सब निकोटीन मुक्त जीवन जी रहे हैं। परीक्षा की इस घड़ी में ये उदाहरण प्रेरणा देने वाले हैं कि जीवन कितना भी मुश्किल हो फिर भी हर परिस्थिति में आप कुछ न कुछ बेहतर कर सकते हैं। कोशिश करिये कि इस समय का सदुपयोग कर आप अपने जीवन में और अधिक कीमती एवं यादगार पलों को शामिल कर सकें। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम द्वारा नालसा (आपदा पीड़ितों को विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से विधिक सेवाएं) योजना, 2010 के अंतर्गत विधिक सेवाएं के लिए टोल फ्री नंबर- 15100 पर संपर्क कर सकते हैं।

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