वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे अच्छी बारिश हुई तो जल्दी ही लबालब हो जाएगा गांधीसागर बांध -

अच्छी बारिश हुई तो जल्दी ही लबालब हो जाएगा गांधीसागर बांध

1 min read

 

🔲 पिछले साल इस दिन से करीब 47 फीट ज्यादा पानी है अभी बांध में
🔲 अगले महिने में अच्छी बारिश की संभावना

🔲 प्रशांत यादव

गरोठ, 30 जून। गांधीसागर बांध के गेट खुलने का मोहक नजारा इस बार जल्दी ही देखने को मिल सकता है। बांध का जलस्तर काफी है। पिछले साल इस दिन से यदि तुलना की जाए तो करीब 47 फीट पानी ज्यादा भरा हुआ है, और गेट खुलने में केवल करीब 16 फीट पानी की आवश्यकता है।

बड़ी बात यह कि अभी मानसून सत्र की एक भी बारिश ठीक से नहीं हुई है। हालांकि मानसून 15 जून को ही घोषित हो गया था लेकिन फिलहाल मानसून में इतनी सक्रियता नहीं दिख रही है।

बांध के जलग्रहण क्षेत्र में रिकॉर्ड बारिश 

पिछले साल क्षेत्र और बांध के जलग्रहण क्षेत्र में रिकॉर्ड बारिश हुई थी। इसलिए बांध का जल स्तर पिछले साल के पानी से ही काफी बढ़ा हुआ है। ऐसे में बांध को अधिक वर्षा की आवश्यकता नहीं है। यदि बांध के जलग्रहण क्षेत्र में तेज तेज बारिश होती है तो बांध जल्दी ही भर जाएगा और यदि बांध जल्दी भरता है तो इसके गेट भी जल्दी ही खोल दिए जाएंगे। अगर जल संसाधन विभाग पानी का मैनेजमेंट करता है तो भी संभावना यह कि जुलाई में ही बांध के गेट खोलने पड़ सकते हैं क्योंकि जुलाई में तेज बारिश की संभावना जताई जा रही है।

जल्दी ही पानी आने की संभावना

गांधीसागर बांध का जलग्रहण क्षेत्र 25 हजार वर्ग किलोमीटर का है। इसमें इंदौर, उज्जैन की सात नदियों का पानी आता है। यदि जलग्रहण क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है और सभी सात नदियों में तेज बहाव शुरू होता है तो तीन दिन में (48 घंटे में) पानी गांधीसागर बांध में आ जाता है। फिलहाल 24 घंटे में इंदौर में 11.4 मिमी बारिश हुई है। वहीं उज्जैन में 31.6, मिमी बारिश हुई है। इसलिए पानी की इसलिए पानी की आवक फिलहाल कम है लेकिन यदि मानसून सक्रिय होता है तो जल्दी ही पानी आने की संभावना है।

 फेक्ट फीगर

🔲 अभी बांध का जल स्तर- 1295.94 फीट

🔲 पिछले साल इस दिन तक का जल स्तर- 1248.15 फीट

🔲 इस साल पानी का अंतर- 47.79 फीट ज्यादा

🔲 बांध के गेट खुलते हैं- 1312 फीट पर

🔲 गेट खुलने के लिए पानी चाहिए- 16.06 फीट

…तो हो सकता है नुकसान

पिछले साल जल संसाधन विभाग ने पानी के प्रबंधन, बारिश के आंकलन में कोताही बरती। इसके चलते बांध में पानी ज्यादा भर गया। बांध के उपर से होकर पानी बह निकला। इससे डर का माहोल बन गया था। हालांकि बांध की मजबूती के चलते कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, लेकिन इस बार भी यदि जल संसाधन विभाग पिछले साल वाली ही गलती करता है, तो नुकसान हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *